-द प्रिंट, सरकार की आर्थिक रणनीति में बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी क्षेत्र पर भरोसा जताया है. बुधवार को सरकार ने दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए एक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की, जिसमें 13 सेक्टर शामिल हैं और माना जा रहा है कि इससे वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र भारत की ओरआकर्षित हो सकेगा. यह विशेष रूप से आयात पर उच्च निर्भरता वाले श्रम-प्रधान क्षेत्रों में घरेलू...
More »SEARCH RESULT
आवरण कथा/ महिला किसान : खेत-खलिहान की गुमनाम बेटियां
-आउटलुक, “‘किसान’ की आम छवि में नदारद, अर्थशास्त्रियों की गणना से बाहर, जमीन के कागजात में गैर-मौजूद हमारी खेती-किसानी की अदृश्य आधी आबादी पर किसान आंदोलन से पड़ी रोशनी” यह भारत का एक बेहद शर्मनाक रहस्य है। भारत का ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व का। जिस 'औपचारिक' अर्थव्यवस्था की हम अक्सर चर्चा करते हैं, जहां लोग परिश्रम करते हैं और उनके परिश्रम के फल को आंकड़ों और ग्राफ में दर्शाया जाता है,...
More »भारत में महिलाओं के घरेलू कामकाज का मेहनताना अगर होता तो कितना?
-बीबीसी, हाल में ही एक फ़िल्म स्टार की लॉन्च की गई राजनीतिक पार्टी ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो घर-गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को वेतन दिया जाएगा. एक क़द्दावर सांसद ने भी इस आइडिया का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को उनकी सेवाओं के लिए पैसे देने से उनकी ताक़त और स्वायत्तता बढ़ेगी और इससे एक यूनिवर्सल बेसिक इनकम पैदा...
More »मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी
-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...
More »प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का क्यों विरोध कर रहे हैं मछुआरे और किसान
-डाउन टू अर्थ, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से लगे पालघर जिले के समुद्री तट पर स्थित और पर्यावरण के लिए अति संवेदनशील क्षेत्र वाढवण में बंदरगाह निर्माण को लेकर स्थानीय लोग नाराज हैं। उनका आरोप है कि इस परियोजना के अंतर्गत पर्यावरण को होने वाले नुकसान का पर्याप्त अध्ययन नहीं किया गया। विरोध का दूसरा कारण यह है कि जैव विविधता और मछुआरों तथा किसानों की आजीविका की दृष्टि से यह पूरी...
More »