बाजार में मंदी का वातावरण है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के सीमेंट विक्रेता ने बताया कि उसकी बिक्री 40 प्रतिशत कम हुई है. सूरत के टैक्सी वाले के ग्राहकों में कमी आयी है. अब उसकी टैक्सी माह में 6-7 दिन ही चलती है. बाकी खड़ी रहती है, चूंकि बाहर के व्यापारी कम ही आ रहे है. बाजार में मांग के दो स्रोत हैं- घरेलू एवं विदेशी. लेकिन इस समय दोनों...
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लोग अपना अधिकार नहीं छोड़ेंगे : ज्यां द्रेज
रांची: अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा है कि अधिकार की लड़ाई रोज की लड़ाई है. अपने स्तर पर छोटे-छोटे संघर्ष रोज करना होता है. जन अधिकार यात्रा लोगों को जागरूक करने में सहायक सिद्ध हुई है. इस यात्रा का संदेश यह है कि लोग अपना अधिकार नहीं छोड़ेंगे. मिलकर लड़ेंगे अौर जीतेंगे. यह यात्रा किसी पार्टी, नेता या संगठन की नहीं है, बल्कि जनता की है. ज्यां द्रेज रविवार को...
More »विवादों की नींव पर नई राजधानी- एस श्रीनिवासन
आंध्र प्रदेश की नई राजधानी की नींव रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अक्तूबर को अमरावती पहुंच रहे हैं। अमरावती गुंटूर जिले में कृष्णा नदी के किनारे बसा गांव है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का सपना है कि वह इसे 21वीं सदी के सिंगापुर के रूप में राजधानी के तौर पर गढ़ें, जो इस इलाके के विकास और तरक्की को रफ्तार देने में हैदराबाद व बेंगलुरू जैसे...
More »आदिवासियों के लिए नए खतरे-- के सी त्यागी
निजी क्षेत्र के उद्योगों को वन भूमि आवंटित करने वाले सरकार के हालिया फैसले ने एक बार फिर आदिवासियों को चिंतित किया है। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले से निजी कंपनियों को पेड़ों की कटाई की आजादी होगी। यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जा सकता है, लेकिन साफ है कि इस दिशा में किसी भी तरह का संशोधन वन अधिकार अधिनियम को...
More »विकास की नीतियां बदलने का वक्त - यशवंत सिन्हा
भारत में घोषित आर्थिक सुधारों का इतिहास 24 साल पुराना है, लेकिन इन 24 वर्षों में भी सुधारों को लेकर जो विवाद हैं, वे अभी तक समाप्त नहीं हुए हैं। आज भी भूमि अधिग्रहण, श्रम कानून, जीएसटी, डायरेक्ट टैक्स (जैसे गार अथवा पिछली तिथि से लागू होने वाले कर) विदेशी पूंजी निवेश इत्यादि अनेक ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर आज भी कोई सहमति नहीं बन पाई है। जब डॉ. मनमोहन...
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