-द प्रिंट, दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक कक्षा के उन छात्रों की पहचान करें जिन्होंने बीच में स्कूल छोड़ दिया है (ड्राप आउटस) और अप्रैल तक उनका पता लगाएं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने फरवरी के पहले सप्ताह में राज्यों के साथ इस बारे में एक विस्तृत रोड मैप भी साझा किया जिसका उद्देश्य स्कूली छात्रों के...
More »SEARCH RESULT
मध्य प्रदेशः विवाह सहायता योजना में करोड़ों का घोटाला, 20 बैंकों व 93 ग्राम पंचायतों की जांच शुरू
-द वायर, मध्य प्रदेश विवाह सहायता योजना में करोड़ों रुपयों का फर्जीवाड़ा सामने आया है. साल 2019 और 2021 के बीच हुआ घोटाला 30.4 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की भोपाल इकाई के पुलिस उपाधीक्षक के मुताबिक, इस घोटाले की जांच के दायरे में 93 ग्राम पंचायतें और 20 बैंक हैं. इस घोटाले के तहत हजारों युवतियों की फर्जी शादियां कराई गईं ताकि घोटालेबाज...
More »कोविड-19 और दीर्घकालिक गरीबी: ग्रामीण राजस्थान से साक्ष्य
-आइडियाज फॉर इंडिया, प्रारंभिक गणना के आधार पर, भारत में कोविड-19 के कारण 7.7 से 22 करोड़ लोग गरीबी में आ गए हैं, जिसके अनुसार अब शहरी आबादी में गरीब 60% और ग्रामीण आबादी में 70% हो गए हैं। वर्ष 2002 में ग्रामीण राजस्थान में किए गए सर्वेक्षण के 2021 में किये गए फॉलोअप के आधार पर, यह लेख दर्शाता है कि परिवारों को मार्च 2020-अगस्त 2021 के दौरान अपनी नकद आय का...
More »क्यों पूंजीवादी सरकारें बेरोज़गारी की कम और मुद्रास्फीति की ज़्यादा चिंता करती हैं?
-न्यूजक्लिक, पूंजीवादी सरकारें हमेशा ही बेरोजगारी बढ़ाने के जरिए मुद्रास्फीति पर नियंत्रण कायम करने की कोशिश करती हैं। इसका, इन दोनों के बीच किसी टिकाऊ संतुलन में उनके विश्वास से यानी दोनों को आपस में जोडऩे वाले किसी स्थिर चाप पर विश्वास करने से, कुछ लेना-देना नहीं है। यहां तक कि जो लोग मुद्रास्फीति के दूसरे-दूसरे कारण मानते हैं, जैसे मुद्रा की फालतू आपूर्ति (‘मालों की कम मात्रा के पीछे जरूरत...
More »क्या यह हमारे देश का ही शिक्षा बजट है?
-जनपथ, जब मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में वित्तमंत्री द्वारा बजट बढ़ाए जाने को लेकर उनके प्रशस्ति-गान में लगा हुआ है तब आंकड़ों की दुनिया की अजब-गजब संभावनाओं पर चर्चा करने को जी करता है। आंकड़ों की अलग-अलग प्रकार की तुलना अथवा एक खास ध्येय से उनके चयन के द्वारा खराब स्थिति की अच्छी तस्वीर दिखाई जा सकती है किंतु यह आंकड़े ही हैं जो इस अच्छी तस्वीर की सच्चाई को हम...
More »