गाँव कनेक्शन, 9 जनवरी एक साल पहले 2021 में इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी(ITDA),ने कोरापुट जिले के चार गाँवों की 30 आदिवासी महिलाओं को पहली बार जिले के डोलियांबा गाँव में पांच एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने में मदद की थी। ये महिलाएं तीन स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)-माँ सुभद्रा, माँ तारिणी और माँ बरुआ- से जुड़ी हुईं थीं। आज ये आदिवासी महिलाएं सफल स्ट्रॉबेरी किसान हैं। इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी,...
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गहराते वायु प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ा एनीमिया का खतरा, जल्द कदम उठाने की जरूरत
मोंगाबे हिंदी, 19 दिसंबर अगर भारत साफ-सुथरी हवा और ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करता है तो इससे कई तरह के फायदे होंगे। एक लाभ यह होगा कि प्रजनन वाली आयु की महिलाओं में एनीमिया के प्रसार को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है जो महिलाओं में खून की बहुत ज़्यादा कमी और उनके अति सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5) के संपर्क में...
More »भारत के सबसे पिछड़े जिले से तीन महिलाओं की भूख और उससे जुड़े संघर्ष की कहानी
इंडियास्पेंड, 02 दिसंबर नवम्बर महीने के दूसरे सप्ताह के बुधवार को रेखा देवी, उम्र लगभग 40 वर्ष, अपने घर से तकरीबन 500 मीटर दूर एक खेत में कम्पैन मशीन के पीछे अपने बच्चों के साथ धान की बालियां बीन रही थीं। पूछने पर वह कहती है की इन गिरी हुई बालियों से उनके परिवार का गुजारा होता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से तकरीबन 170 किलोमीटर पूरब में भारत और नेपाल...
More »सुरक्षा की आड़ में महिला छात्राओं पर प्रतिबंध लगाना ‘पितृसत्ता’ है: केरल हाईकोर्ट
द वायर, 01 दिसंबर केरल हाईकोर्ट ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के महिला छात्रावास में कर्फ्यू पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि सुरक्षा की आड़ में इस तरह के प्रतिबंध और कुछ नहीं बल्कि पितृसत्ता है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अदालत ने कहा कि पितृसत्ता के सभी रूपों, यहां तक कि वे भी जो लिंग के आधार पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए हैं, से असहमति व्यक्त की जानी चाहिए. अदालत...
More »फिर शुरू हो सकता है किसान आंदोलन! राज्यों की राजधानियों में जुटे किसान
गाँव सवेरा, 30 नवम्बर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर, आज मजदूरों, छात्रों, युवाओं, महिलाओं और आम लोगों के समर्थन के साथ किसानों ने बड़े मार्च और रैलियां निकाली। अभी तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस प्रेस विज्ञप्ति के जारी होने तक, 25 राज्यों की राजधानियों, 300 से अधिक जिला मुख्यालयों और कई तहसील मुख्यालयों पर विरोध सभाएँ आयोजित की गईं। कुल मिलाकर, यह अनुमान है कि पूरे भारत में 3000...
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