नयी दिल्ली : नरेद्र मोदी सरकार ने कहा कि वह संसद के आगामी बजट सत्र में पंचायतों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के बारे में संशोधन लाएगी. ‘पंचायती राज (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम के कार्यान्वयन: विषय और दिशा' संबंधी एक राष्ट्रीय कार्यशाला में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री बिरेंदर सिंह ने कहा कि यद्यपि कुछ राज्य पंचायतों में महिलाओं को 50...
More »SEARCH RESULT
मेधा के उत्पीड़न से सबक-- अफलातून
एक मेधावी और संवेदनशील युवा राजनीतिक की मौत ने भारतीय समाज को हिला दिया है. इस युवा में जोखिम उठाने का साहस था और अपने से ऊपर की पीढ़ी के उसूलों को आंख मूंद कर न मानने की फितरत भी. वह एक राजनीतिक कार्यकर्ता था, उसका संघर्ष राजनीतिक था. वह आतंक के आरोप में दी गयी फांसी के विरुद्ध था, तो साथ-साथ आतंक फैलाने के लिए सीमा...
More »पंचायत चुनाव : आरक्षण को लेकर होगा बदलाव, 90% सीटों का बदलेगा स्वरूप
पटना : अगले साल होनेवाले पंचायत चुनाव में 90 फीसदी सीटों का स्वरूप बदल जायेगा. सिर्फ सामान्य वर्ग की 10 फीसदी सीटें ही यथावत रह पायेंगी. सामान्य वर्ग की अधिकतर सीटें किसी-न-किसी आरक्षित कोटे के अंतर्गत चली जायेंगी. पंचायतों के पदों में आरक्षण को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग इस बार बदलाव करने की तैयारी में है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है. अभी सरकार...
More »क्या हम संविधान के अनुरूप चल रहे हैं?-- श्योराज सिंह बेचैन
यह एक सुखद संयोग ही है कि पिछले दिनों ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जन्मतिथि के 125 वर्ष पूरे हुए हैं। दोनों महापुरुषों ने गरीबों, दलितों और स्त्रियों की शिक्षा पर विशेष बल दिया। पर इनके आदर्शों को मानने-न मानने वालों-दोनों ने शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। अब सरकारी और सस्ती शिक्षा शायद ही कहीं मिलती हो। पिछले दिनों संविधान दिवस के अवसर पर संसद...
More »मानवाधिकारों पर चंद खरी बातें - मृणाल पांडे
वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की व्याख्या करते हुए विश्वयुद्धों से घायल दुनिया को 10 दिसंबर के दिन सालाना मानवाधिकार दिवस मनाने का संदेश दिया था। उस व्याख्या का मसौदा बाइबिल के बाद दुनिया का सबसे अधिक अनूदित दस्तावेज बताया जाता है। लेकिन मानवाधिकार दिवसों की छह दशक से लंबी श्रंखला और उस पर तमाम गहन चिंतन-मनन के बाद भी दुनिया में मानवाधिकारों की,...
More »