SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 119

बराबरी का फलसफा और हम - गोपालकृष्‍ण गांधी

साम्यवाद का भविष्य। यह भी आज किसी लेख का विष्ाय हो सकता है क्या? कांग्रेस का भविष्य, नेहरू-गांधी परिवार का भविष्य, लोकतांत्रिकता का भविष्य, अल्पसांख्यिकता का भ्ाविष्य, स्वतंत्र विचार, स्वतंत्र लेखन, स्वतंत्र चिंतन का भविष्य, इन सब पर सोच वाजिब और लाजिम है। लेकिन साम्यवाद..? साम्यवाद करके जब कुछ रहा ही नहीं है, उस नाम के दोनों दलों माकपा और भाकपा के जब लोकसभा में सदस्य ही नहीं के बराबर हैं,...

More »

नोबेल शांति पुरस्कार का पैगाम - सत्‍येंद्र रंजन

भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के संयुक्त रूप से नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित होने पर बेशक दोनों देशों के वंचित समूहों के बच्चों और उनके अधिकारों पर नए सिरे से रोशनी पड़ेगी। सत्यार्थी के 'बचपन बचाओ आंदोलन" ने इस कड़वी हकीकत से देश को परिचित कराए रखा है कि बंधुआ मजदूरी को अपराध बनाने, बाल मजदूरी को गैरकानूनी ठहराने और प्राथमिक शिक्षा को मूल अधिकार...

More »

भारत के जाने-माने बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी

भारत और पाकिस्तान के दो नागरिकों को संयुक्त रूप से इस बार का शांति का नोबेल पुरस्कार दिया है. भारत से बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी व पाकिस्तान से बच्चों के अधिकारों व तालिबान के खिलाफ संघर्ष करने वाली मलाला युसूजई को एक साथ शांति का नोबेल पुरस्कार इस बार दिया गया है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर कैलाश सत्यार्थी ने कहा था कि एक चाय बेचने वाला बच्च...

More »

इरोम शर्मिला रिहा, अनशन जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई

इंफल। पिछले 14 साल से अनशन कर रही मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को बुधवार को जब अस्थायी हिरासत से रिहा किया गया तो वे आंसू भरी आंखों के साथ बाहर निकलीं और उन्होंने सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। शर्मिला पोरोपट में सरकारी अस्पताल के उस कमरे से बाहर निकलीं जिसे हिरासत में तब्दील कर दिया गया था। बेहद कमजोर लग...

More »

हरप्रीत कौर की अजब कहानी- राहुल कोटियाल

साल 2013. दिल्ली में इस साल की शुरुआत धरनों, प्रदर्शनों, भूख हड़ताल और नारों से हुई थी. 16 दिसंबर 2012 की शाम जो हादसा निर्भया के साथ हुआ उसने दिल्ली ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इसके बाद लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे. कहीं निर्भया को न्याय दिलाने की मांग थी तो कहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून बनाने के आंदोलन हो...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close