SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 573

छत्तीसगढ़ के एक गांव में 15 साल में 130 किडनी की बीमारी से मौतें हुईं, वजह कोई नहीं जानता

-द प्रिंट, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा और 9 अन्य गावों में किडनी की क्रोनिक बीमारी से पिछले 15 सालों में होने वाली 130 मौतें एक पहेली बनी हुई हैं वहीं इस इलाके की करीब 10-15 हजार की आबादी इसकी जद में आ चुकी है. राज्य सरकार का कहना है कि रायपुर से करीब 250 किलोमीटर दूर देवभोग हीरा खदान के पास स्थित इन गांवों में फैली क्रोनिक किडनी डिसीज़ (सीकेडी)...

More »

कोविड-19 का टीका लगने के बाद भी क्यों हो रहे स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित?

-कारवां, 14 मार्च को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के एक महीने बाद 55 वर्षीय राजिंदर वर्मा फिर से कोविड संक्र​मित हो गए. इससे दो दिन पहले वर्मा को बुखार, हल्की सर्दी और खांसी हुई थी. उन्होंने कहा, "मैं अब पहले जैसा युवा नहीं हूं इसलिए मैंने सोचा कि यह बस थकावट है और मौसम बदला है इसलिए ठंड लग गई है." लेकिन उनका तापमान बढ़कर 103 डिग्री हो गया और...

More »

भारत के जलवायु आंदोलन को राह दिखाते युवा पर्यावरण संगठन

-कारवां, चेन्नई के एक लेखक और शोधकर्ता नित्यानंद जयारमन ने 19 जनवरी को अडाणी वॉच नाम की एक वेबसाइट पर दुनिया भर में युवाओं द्वारा चलाए जा रहे 25 से अधिक पर्यावरणीय संगठनों की अडाणी समूह के खिलाफ हफ्ते भर के विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. जयरामन की पोस्ट का शीर्षक था : "अडाणी को रोकने के लिए युवाओं की योजना (वाईएएसटीए), 27 जनवरी से 2 फरवरी". इसमें आगे लिखा था, "वाईएएसटीए...

More »

बॉलीवुड में किसानों के ऊपर सिनेमा बनाने का जोखिम कौन लेगा?

-जनपथ, भारत की 60-70 फीसदी जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। कहते हैं कि भारत गांवों में बसता है, बावजूद इसके वर्तमान हिंदी फिल्मों में किसानों की कहानी नहीं के बराबर आती है। लंबे समय से इस देश के किसान किसी बिमल रॉय के इंतजार में हैं जो उनकी दो बीघा ज़मीन पर एक फिल्म बना दे। आम तौर से समाज की आर्थिक संरचना में महत्वपूर्ण योगदान रखने...

More »

जब दिशा रवि और नवदीप कौर पत्रकारिता की एक कक्षा में पहुंचीं

-न्यूजक्लिक, हम एक ऑनलाइन क्लासरूम में बैठे हुए थे, जिसमें भारत के अलग-अलग हिस्सों से ताल्लुक रखने वाले करीब़ 20 छात्र मौजूद थे। यहां हम मीडिया में नई अवधारणाओं और तकनीकों के साथ-साथ जीवन की वास्तविकताओं को समझने की कोशिश कर रहे थे। परंपरागत ढंग से पढ़ाने के बजाए बेहतर होता है कि पाठ योजना को हम सवाल-जवाब के विमर्श में बदल लें। मैंने छात्रों से पूछा, "पत्रकारों के लिए टूलकिट...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close