नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था अत्यधिक राजकोषीय घाटे के कारण आर्थिक झटकों के प्रति संवेदनशील है। यह बात गुरुवार को साख निर्धारित करने वाली एजेंसी मूडीज की तरफ से कही गई। मूडीज के मुताबिक देश की साख का दृष्टिकोण सरकार की उन पहल पर निर्भर करेगा जो अगले महीने पेश होने वाले बजट में खर्च घटाने और वैश्विक जिंस कीमतों के प्रति संवेदनशीलता कम करने के लिए किए जाएंगे। मूडीज ने एक रिपोर्ट...
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यूपीए तथा एनडीए का अर्थशास्त्र- डा. भरत झुनझुनवाला
विकास दर में वर्तमान गिरावट का कारण सरकारी राजस्व का रिसाव, भ्रष्टाचार में वृद्घि एवं चौतरफा कुशासन है. यह रिसाव बंद हो जाये तो उद्यमी निवेश करने लगेगा, उत्पादन बढ़ेगा, टैक्स की वसूली होगी और वित्तीय घाटा नियंत्रण में आ जायेगा. अपने चुनावी घोषणापत्र में एनडीए ने एफडीआइ का विरोध तो किया है, पर एनडीए मूल रूप से अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश का स्वागत करता है. उनका विरोध खुदरा...
More »क्योंकि हर चमक चांदनी नहीं होती- भरत झुनझुनवाला
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ष विश्व अर्थव्यवस्था चल निकलेगी। इस उम्मीद के पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिका की सुधरती स्थिति है। पिछले कुछ महीनों में वहां बेरोजगारी घटी है, शेयर बाजार चढ़ा है और विकास दर बेहतर हुई है। ये संकेत वास्तविक हैं, लेकिन इनके टिकाऊ होने में मुझे संदेह है। विषय को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए, एक कंपनी घाटे...
More »किसने बनाया किसान को गरीब- कुसुमलता केडिया
भारत की हजारों वर्षों की जिस संपन्नता की बात की जाती है, वह मुख्यतया किसानों, शिल्पियों और व्यापारियों पर टिकी थी। राजकोष में आने वाले धन का सबसे बड़ा हिस्सा किसानों से प्राप्त होता था। मनु-स्मृति, विष्णुधर्मसूत्र, गौतमधर्मसूत्र आदि में स्पष्ट व्यवस्था है कि सामान्यतया राज्य कृषि उत्पादन का बारहवां अंश लेगा। अगर कोई विशेष संकट उपस्थित हो तो आठवां या छठा अंश भी मांगा जा सकता है। कभी-कभार ही...
More »डिग्री है, पर नौकरी नहीं
देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है. सरकार ने इससे निबटने के उपाय के रूप में अपने खर्चो में कटौती का एलान किया है. इसमें कहा गया है कि अगले एक साल तक केंद्र सरकार कोई नयी नियुक्ति नहीं करेगी. यानी एक तरफ रोजगार छिन रहे हैं, दूसरी ओर रोजगार के नये अवसरों पर भी फिलहाल विराम लग गया है. ।।सेंट्रल डेस्क।। अगले साल लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं. यह समय...
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