गुजरात में चुनावी रस्साकशी चरम पर है। इस राज्य में अगर कांग्रेस की रणनीति पर गौर करें तो लगता है कि उसने सत्ता में वापसी की अपनी तमाम उम्मीदें जातिगत समीकरणों पर टिका दी हैं। गौरतलब है कि उसने तकरीबन चार दशक पूर्व 1980 में भी इस राज्य में जातिगत समीकरणों को साधते हुए पूर्ण बहुमत हासिल किया था। लेकिन कांग्रेस यह भूल रही है कि तब से अब तक...
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जीएसटी की जटिलताओं से बेचैन - संजय गुप्त
पिछले वर्ष आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दीपावली के तुरंत बाद नोटबंदी का ऐलान किया था, तब एक बड़े व्यापारी वर्ग को यह लगा था कि सरकार के इस कदम से उसके समक्ष तमाम मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। नोटबंदी को लेकर व्यापारी वर्ग के असंतोष के बाद भी मोदी सरकार इसे लेकर आश्वस्त थी कि यह एक आवश्यक कदम है और आगे चलकर इसका आर्थिक लाभ...
More »आधार के प्रयोग को रोकना उचित नहीं-- हरिवंश
यह बौद्धिक विमर्श और संवाद अपनी जगह है, पर बिचौलियों और भ्रष्टाचार को खत्म करना आज समाज की निगाह में व्यवस्था का सबसे प्रासंगिक और जरूरी मसला नहीं है? हाल ही में एक डच दार्शनिक विचारक व इतिहासकार रटजर बर्जमैन की महत्वपूर्ण किताब आयी है, ‘यूटोपिया फॉर रिअलिस्ट्स' (ब्लूम्सबेरी). यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्टसेलर मानी गयी है. इस पुस्तक का मर्म है कि हम एक अप्रत्याशित उथल-पुथल के दौर में...
More »बाढ़ और राजनीति का मौसम --- प्रेम कुमार
बाढ़ ने भले ही देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया हो या रेडक्रॉस ने भारत, नेपाल और बांग्लादेश में आयी बाढ़ को दक्षिण एशिया में गंभीर मानव संकट करार दिया हो, लेकिन भारत की राजनीति इस बाढ़ से सूखी है. ऐसा लगता है कि देश की राजनीति को कोई फर्क नहीं पड़ता कि अकेले बिहार में 1 करोड़ से ज्यादा लोग, तकरीबन पूरा...
More »गैस सबसिडी के बगैर-- पीयूष द्ववेदी
लोकसभा में रसोई गैस कनेक्शनों की अनियमितताओं से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि बीते एक जून से सरकार रसोई गैस सिलेंडरों की कीमतों में प्रतिमाह चार रुपए की बढ़ोतरी का आदेश तेल कंपनियों को दे चुकी है। इस आदेश के पीछे सरकार की योजना 31 मार्च, 2018 तक रसोई गैस सिलेंडरों से सबसिडी को पूरी तरह से खत्म कर देने की...
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