"यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। आप मुझे बताइये, एक घर में, परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो, तो क्या वो घर चल पाएगा? कभी भी चल पाएगा? समर्थकों की ओर से जवाब आता है नहीं। फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा। हमें याद रखना है कि भारत के...
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जानिए क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, जिसके चलते पेरू में लगाना पड़ा स्वास्थ्य आपातकाल
डाउन टू अर्थ, 12 जुलाई गुइलेन-बैरे सिंड्रोम या जीबी सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि होने के बाद दक्षिण अमेरिकी देश पेरू ने गत शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी है। यह आपातकाल 90 दिनों के लिए लगाया गया है। इस बारे में 10 जुलाई 2023 को पैन अमेरिकन हेल्थ आर्गेनाईजेशन (पाहो) द्वारा जारी रिपोर्ट से पता चला है कि पेरू में 08 जुलाई तक जीबी सिंड्रोम...
More »चिकित्सा प्रक्रियाओं से छिप जाती है हीटवेव में मरने वालों की सही संख्या
द थर्ड पोल, 10 जुलाई इस साल 15 से 22 जून के बीच, उत्तर प्रदेश के बलिया और देवरिया ज़िलों के दो अस्पतालों में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस अवधि में, बलिया में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था और ह्यूमिडिटी 30-50 फीसदी थी। हीटवेव का असर साफ़ नज़र आ रहा था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के हीट इंडेक्स कैलकुलेटर के अनुसार, इन हालात...
More »केदारनाथ आपदा के दस साल बाद
मोंगाबे हिंदी, 23 जून केदारनाथ आपदा को 10 साल हो चुके हैं। यह आपदा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 11,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ में वर्ष 2013 के 16-17 जून को आई थी। सरकारी तौर पर मृतकों की संख्या भले ही साढ़े चार हजार के आस-पास हो, लेकिन अनौपचारिक तौर पर यह संख्या कहीं ज्यादा बताई गई। दुनिया में इतनी ऊंचाई पर किसी आपदा में इतनी संख्या में लोगों की...
More »साल 2022 में 4 करोड़ बच्चों को मजबूरी में छोड़ना पड़ा अपना घर, ये थी वजह?
डाउन टू अर्थ, 22 जून संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के मुताबिक 2022 में करीब 4.33 करोड़ बच्चों को जबरन विस्थापित होने का दंश झेलना पड़ा था। विस्थापित बच्चों का यह आंकड़ा 2022 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। गौरतलब है कि अपने घरों को छोड़ जबरन विस्थापित हुए बच्चों की संख्या पिछले दशक में बढ़कर दोगुनी हो गई है। इनमें से 1.2 करोड़ बच्चे वो थे जिनकों बाढ़, सूखा, तूफान...
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