SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 115

देशभर में प्‍याज की कीमतों में लगी आग, हर मोर्चे पर सरकार लाचार-- अमलेश नंदन

देशभर में प्‍याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्‍याज के भाव खुदरा मंडियों में क्‍वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्‍याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्‍याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...

More »

हमारी संपदा, हमारा अधिकार-- अनिल प्रकाश जोशी

इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम), एयरोस्पेस ऐंड डिफेंस, पर्यावरणीय प्रौद्योगिकी एवं अक्षय ऊर्जा जैसी उच्च तकनीकों के क्षेत्रों में भारत का बाजार वर्ष 2020 तक 550 से 600 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इससे अगले पांच वर्षों में देश के उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में 140 अरब डॉलर का निवेश होगा और ऊंचे वेतन वाली तीन करोड़ नौकरियों का सृजन होगा। ये तकनीकें वैश्विक मूल उपकरण उत्पादकों (ओईएम) के...

More »

गुजरात मॉडल का राष्ट्रीय हो जाना- रामचंद्र गुहा

पिछले आम चुनाव के प्रचार में नरेंद्र मोदी ने बार-बार ‘गुजरात मॉडल' का जिक्र किया और वादा किया कि भाजपा सत्ता में आई, तो यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा। पार्टी चुनाव जीत गई और मोदी ने अपना वादा निभाया। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने प्रशासनिक चुस्ती और व्यापार करने की आसानी बढ़ाने के लिए कई काम किए। जब वह प्रधानमंत्री बन गए, तब भी उन्होंने...

More »

आरटीआइ की कुंद होती धार- चंदन श्रीवास्तव

सूचना के अधिकार को कानून बनानेवाले विधेयक पर राष्ट्रपति के दस्तखत 2005 में 15 जून को हुए थे, पर राज्यसभा ने इसे मंजूरी 12 मई को दे दी थी. चूंकि कानून इस मई महीने में अपने मौजूदा स्वरूप का दसवां साल पूरा कर रहा है, तो पूछा जाना चाहिए कि लोगों के हाथ इस कानून से कितने मजबूत हुए. इस कानून के अमल को लेकर मौजूदा केंद्र सरकार की गंभीरता का...

More »

सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश

अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close