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गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदानों में रह रहे 7 करोड़ लोगों पर मंडरा रहा है आर्सेनिक और फ्लोराइड का खतरा

डाउन टू अर्थ, 15 फरवरी पश्चिम बंगाल में जादवपुर विश्वविद्यालय के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर तारित रॉयचौधरी ने चेताया है कि अगर प्रभावी रणनीति न अपनाई गई तो आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रदूषण देश में गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। डॉक्टर तारित रॉयचौधरी का कहना है कि आर्सेनिक प्रदूषण के मामले में पश्चिम बंगाल की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। रॉयचौधरी...

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देश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी: सरकार

द वायर, 25 जनवरी भारत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में चिकित्सा विशेषज्ञों की 80% कमी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि इसमें सर्जन, प्रसूति विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ,  फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए रेफरल केंद्रों के रूप में काम करते हैं. इसमें एक ऑपरेशन थिएटर,...

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जोशीमठ संकटः खतरे की जद में जोशीमठ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, परेशानी में गर्भवती महिलाएं

कार्बनकॉपी 25 जनवरी  जोशीमठ निवासी उषा शाही पर मकानों में आई दरार की समस्या का असर कहीं अधिक हुआ। दरारों की वजह से खतरनाक हो चुके मकानों को छोड़कर जब लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे थे, उषा का परिवार स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझ रहा था।  जोशीमठ में जल संस्थान के पास रहने वाली 26 साल की उषा के प्रसव की तारीख 26 जनवरी की थी। पंद्रह जनवरी को कुछ समस्या महसूस...

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‘डॉक्टर बनना है’, छत्तीसगढ़ में बांस के बने ‘पोर्टाकेबिन’ स्कूल आदिवासी बच्चों के सपनों को कर रहे पूरा

दिप्रिंट, 19 जनवरी रविवार का दिन है. दोपहर में सूरज की चमक नीचे तक आ रही है और बांस से बने पोर्टाकेबिन वाली कक्षा में बच्चों के फुटबॉल खेलने की आवाजें सुनाई दे रही है. मगर, इन सब के बीच चौदह वर्षीय रिंकू कुमार बाहर से आती किलकारियों और हंसी से बेखबर अपनी बायोलॉजी की पाठ्यपुस्तक को पूरी तल्लीनता के साथ देखते हुए बैठा है, उसके सामने खुले पन्नों पर मानव...

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गर्भपात को लेकर कानून, फिर महिलाओं को क्यों अपनाने पड़ते हैं असुरक्षित तरीके?

इंडियास्पेंड, 16 जनवरी  उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर की रहने वाली प्रीति वर्मा (27) की शादी 2016 में हुई थी और शादी के तुरंत बाद ही वह गर्भवती हो गयी थीं। प्रीति और उनके पति इस बच्चे के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं थे, इसलिए उन्होंने गर्भपात कराने के बारे में सोचा। प्रीति बताती हैं कि गर्भ निरोधक की जानकारी के अभाव में वे गर्भवती हो गईं और फिर इस अनचाहे...

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