SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 255

कॉप 27: दुनिया को 2040 तक शून्य फीसदी प्लास्टिक कचरे के लक्ष्य की है जरूरत

डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर प्लास्टिक उत्पादन और उसके बाद इससे होने वाला प्रदूषण जलवायु में बदलाव और जैव विविधता के नुकसान के लिए जिम्मेवार है। प्लास्टिक इस सप्ताह मिस्र में कॉप 27 में मुख्य चर्चा का विषय रहा। प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए अपनी आगामी वैश्विक संधि में संयुक्त राष्ट्र से 2040 तक एक साहसिक संकल्प करने और नए प्लास्टिक प्रदूषण को शून्य पर लाने का लक्ष्य निर्धारित करने...

More »

कॉप-27: जलवायु परिवर्तन से बढ़ेंगी बीमारियां, हर साल 2.50 लाख अतिरिक्त मौतों के आसार

डाउन टू अर्थ, 10 नवम्बर कॉप 27 जलवायु वार्ता में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जलवायु संकट से लोग बीमार हो रहे हैं और यह जीवन को खतरे में डाल रहा है। इन महत्वपूर्ण वार्ताओं में स्वास्थ्य चर्चा के केंद्र में होना चाहिए। डब्ल्यूएचओ का मानना ​​है कि सम्मेलन को जलवायु संकट से निपटने के लिए शमन, अनुकूलन, वित्तपोषण और सहयोग के चार प्रमुख लक्ष्यों के...

More »

कॉप-27: क्या सेनाओं का बढ़ता कार्बन फुटप्रिंट एमिशन रिपोर्टिंग का हिस्सा नहीं होना चाहिए?

डाउन टू अर्थ, 07 नवम्बर दुनिया भर में कई शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाएं बड़ी तेजी से अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने में लगी हुई हैं। हर दिन दुनिया के किसी न किसी हिस्से से मिसाइल या अन्य हथियारों के किए जा रहे परीक्षण की खबरे सामने आती रहती हैं। ऐसा ही एक परीक्षण हाल ही में नार्थ कोरिया ने किया था। देखा जाए तो दुनिया भर में सशस्त्र बलों को मजबूत करने की एक...

More »

कॉप-27: सदी के अंत तक भारत के औसत तापमान में हो सकती 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि

डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर हाल ही में जारी अनुमानों से पता चला है कि सदी के अंत तक भारत के वार्षिक औसत तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और जलवायु परिवर्तन की वास्तविक कीमत का आंकलन कर रहे शोध संस्थान क्लाइमेट इम्पैक्ट लैब द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है। इस बारे में जारी नए आंकड़ों से पता चला है...

More »

कश्मीर में किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही बादाम की खेती, दूसरी बागवानी फसलों की तरफ कर रहे हैं रुख

गाँव कनेक्शन, 3 नवम्बर कश्मीर के मीठे बादाम, जिनमें तेल की मात्रा अधिक होती है, 'मेवा के राजा' के रूप में जाने जाते हैं। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार भारत में उत्पादित कुल बादाम का 91 प्रतिशत से अधिक जम्मू और कश्मीर में खेती की जाती है, इसके बाद हिमाचल प्रदेश में नौ प्रतिशत की खेती की जाती है। लेकिन, कश्मीर के बादाम के बागों की जगह धीरे-धीरे सेब सहित अन्य...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close