-डाउन टू अर्थ, आसाम, बिहार में लगातार बाढ़ की विभीषिका से हर साल लाखों लोग बेघर हो जाते है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस के अनुसार भारत में अब तक 68 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हाल ही में भारत, बांग्लादेश और नेपाल में लगभग 550 लोग मारे गए हैं। जबकि पिछले महीने बाढ़ आने के बाद से लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं।...
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भारी बारिश बन रही है किसानों के लिए नुकसान का सबब
-डाउन टू अर्थ, बारिश न हो तो किसान को नुकसान होता है और बारिश बहुत ज्यादा हो तो किसान को नुकसान होता है। कुछ ऐसा 2019 में हुआ। 2019 में मॉनसून के बाद अच्छी बारिश हुई थी, इसलिए किसान उम्मीद कर रहे थे कि बंपर पैदावार होगी। लेकिन मार्च से अप्रैल के बीच देशभर में 354 भारी बारिश की घटनाएं हो गईं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह बारिश 64.5...
More »देश के कई इलाकों में बारिश न होने से सूखे जैसे हालात, धान, सोयाबीन उड़द की फसल को बारिश का इंतजार
-गांव कनेक्शन, मानसून के शुरुआत में अच्छी बारिश के बाद देश के कई हिस्सों में बारिश नहीं हो रही है। जिसका असर धान, उड़द और सोयाबीन की फसल पर पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में जहां धान लगाने वाले किसान परेशान हैं तो वहीं मध्य प्रदेश के जिला विदिशा, भोपाल, रायसेन और होसंगाबाद सहित कई जिलों के सोयाबीन किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के...
More »भास्कर इन्वेस्टिगेशन / जिस कंपनी ने सियाचिन में तैनात जवानों के लिए घटिया स्नो सूट सप्लाई किए, उसी को बार-बार मिला टेंडर, अब तक कोई कार्रवाई नहीं
-दैनिक भास्कर, दो जुलाई 2019 की बात है। ठीक एक साल पहले इलाहाबाद से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने इस दिन देश के रक्षा मंत्री को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने सियाचिन में तैनात भारतीय जवानों को मिलने वाले कपड़ों की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों का जिक्र किया था। साथ ही उन्होंने इस मामले में जरूरी कार्रवाई करने की अपील रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की थी। भाजपा...
More »उत्तराखंड में भारी बारिश से टूटे रास्ते, जनजीवन अस्त-व्यस्त
-डाउन टू अर्थ, 28 मई से उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश की स्थिति बनी हुई है। पौड़ी में भी 28 मई को हुई तेज बरसात से थलीसैंण ब्लॉक के कई गांवों में मुश्किल हालात पैदा हो गए। यहां पूर्वी नयार नदी को जाने वाला गदेरा उफान पर आ गया। बारिश के साथ गदेरे मे बह कर आए गाद और मलबे से गांवों के रास्ते टूट-फूट गए। ब्यासी, कुनेथ, रौली समेत...
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