भोपाल गैस त्रासदी मनुष्य जाति के इतिहास का भयावहतम औद्योगिक हादसा था, लेकिन इसके शिकार हुए लोगों के साथ हुआ अन्याय भी किसी त्रासदी से कम नहीं है। यूनियन कार्बाइड में ‘काराबिल’ नामक कीटनाशक बनाया जाता था, जिसका इस्तेमाल मुख्यत: कपास की खेती में होता है। गैस त्रासदी के बाद ही मैंने निश्चय किया था कि मैं जैविक खेती को बढ़ावा देने की कोशिश करूंगी और यही विचार ‘नवधान्य’ की...
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गांव के हर परिवार का होगा बैंक खाता
पटना [जागरण ब्यूरो]। वित्तीय समावेश के तहत बिहार में सन 2012 तक दो हजार की आबादी वाले गांवों के हर परिवार तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाई जाएगी। हर परिवार का बैंक खाता होगा। खाता संचालन के लिए 2500 रुपये के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा मिलेगी। साथ में 10 हजार रुपये का जनरल क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, जिससे विवाह, बीमारी या खास जरूरत के समय लोग उसका लाभ उठा सकें। गुरुवार...
More »ब्याज चुकाने के लिए भी पंजाब को चाहिए कर्ज
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कभी विकास की दौड़ में सबसे अव्वल रहने वाला पंजाब आज कर्ज के तले बुरी तरह दब गया है। इस समय राज्य पर लगभग 65 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है। हालत यह है कि राज्य सरकार को कर्ज का ब्याज अदा करने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। राज्य की सालाना योजना पर विचार करते समय योजना आयोग ने इस पर गंभीर...
More »किसानों को 15 जुलाई तक खरीफ को सहकारी ऋण
इस वर्ष खरीफ में काश्तकारों को सहकारी बैंकों के माध्यम से चार हजार 500 करोड़ रुपये के फसली सहकारी ऋण वितरित किए जायेंगे। यह गत वर्ष की तुलना में दुगुने होने के साथ ही किसी एक वर्ष में सहकारी बैंकों द्वारा काश्तकारों को वितरित फसली सहकारी ऋणों में सर्वाधिक होंगे। यह जानकारी मंगलवार को यहां सचिवालय में सहकारिता विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव आर.के. मीणा और रजिस्ट्रार मुकेश शर्मा...
More »किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा
भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...
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