-डाउन टू अर्थ, आसाम, बिहार में लगातार बाढ़ की विभीषिका से हर साल लाखों लोग बेघर हो जाते है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस के अनुसार भारत में अब तक 68 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हाल ही में भारत, बांग्लादेश और नेपाल में लगभग 550 लोग मारे गए हैं। जबकि पिछले महीने बाढ़ आने के बाद से लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं।...
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जागते रहो
-इंडिया टूडे, घनघोर मंदी के बीच शेयर बाजार की छलांग देखने के बाद एक नवोदित ब्रोकर ने शेयरों-शेयरों का पानी पिए अपने तपे तपाए उस्ताद के केबिन में जाकर खिलखिलाते हुए कहा, ‘‘सर, मजा आ गया, आज तो निफ्टी रॉकेट हुआ जा रहा है.’’ उम्रदराज ब्रोकर ने कंप्यूटर से निगाहें हटाकर कहा, ‘‘लकी फूल’ हो तुम.’’ यानी किस्मती मूर्ख, जो मौके के सहारे मीर (फूल्ड बाई रैंडमनेस) बन जाते हैं और...
More »पर्यावरण पर नई दृष्टि जरूरी
-आउटलुक, “बहुविषयक पढ़ाई पर्यावरण समझ विकसित करने में मददगार, मगर प्रयोगधर्मी शिक्षा भी अनिवार्य” कई वर्षों से पर्यावरण इतिहास के पठन-पाठन से जुड़े होने के कारण यह गहरा एहसास है कि अर्थशास्त्र, भूगोल, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान जैसे विषयों पर जानकारी के अभाव में उसे ठीक से समझ पाना काफी मुश्किल है। इस मायने में पर्यावरण अध्ययन का संबंध बहुविषयक है। इसके दायरे में वह सब आता है जिससे मानव सभ्यता...
More »अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम सिर्फ युद्ध खत्म करने के लिए नहीं गिराए थे
-सत्याग्रह, विश्व विजयी बनना हर ताकतवर देश के तानाशाह का सपना होता है. हिटलर ने भी यही सपना देखा था. एक सितंबर 1939 को पोलैंड पर अचानक हमला करके उसने इस सपने को पूरा करने की शुरुआत की तो यह एक तरह से द्वितीय विश्वयुद्ध की भी शुरुआत थी. सुदूर पूर्व में जापान का राजवंश भी इसी सपने को पूरा करने की लालसा में 1937 से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना विस्तार...
More »जल शक्ति मंत्रालय की हर घर जल योजना में पानी के साथ आर्सेनिक भी घर-घर पहुंचेगा
-द प्रिंट, बिल्ली होती है ना, बिल्ली. वह क्या करती है, दूध पीते समय अपनी आंखें बंद कर लेती है और सोचती है कि कोई उसे देख नहीं रहा. यही हाल पानी से जुड़ी सभी ऐजेंसियों को जोड़कर बनाए गए जलशक्ति मंत्रालय का भी है. गंगा पथ पर पानी की गुणवत्ता जांचे बिना वह हर घर नल जल पहुंचाने में जुटा है. डिटेल में जाने से पहले सौरभ सिंह की छोटी सी...
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