हरित क्रांति ने भारतीय कृषि की तसवीर बदल दी. एक वक्त था, जब अनाज संकट से निबटने के लिए लाल बहादुर शास्त्री को लोगों से एक जून उपवास रखने की अपील करनी पड़ी थी, वहीं आज देश के गोदाम अनाजों से इतने भरे हैं कि रखने की जगह कम पड़ जाती है. लेकिन, यह बदलाव लानेवाले किसानों का क्या हुआ? आज किसान किस संकट से जूझ रहे हैं, इसे समझने...
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नक्सली दहशत के चलते गांव छोड़ गए आदिवासी लाए जाएंगे वापस
जगदलपुर (ब्यूरो)। नक्सल दहशत के चलते अपना घरबार छोड़कर पड़ोसी प्रदेशों में कई वर्षों से निर्वासित जीवन गुजार रहे दक्षिण बस्तर के आदिवासियों को सुरक्षित उनके गांव लाकर फिर से बसाने की कवायद की जा रही है। गांव छोड़कर गए ज्यादातर ग्रामीण सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के हैं। लगभग 25 हजार आदिवासी कोंटा से सटे तेलंगाना के खम्मम व वारंगल जिले के ग्रामीण इलाकों में रह रहे हैं। आडिशा के...
More »बिहार में 13 जिलों के 11 लाख लोग बाढ़ की चपेट में, 582 गांव हुए जलमग्न
पटना. प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है। कई और तटबंधों के टूटने से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। सरकार ने आखिर माना कि 13 जिले बाढ़ पीड़ित हैं। सोमवार को पांच और जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया गया। अब बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 11 लाख पहुंच गई है। राज्य के 43 प्रखंडों के 582 गांवों में पानी फैल चुका है। सबसे खराब स्थिति नालंदा...
More »अपराध की उम्र और हमारी समझ- कविता कृष्णन
जहां तक महिलाओं के अधिकार का सवाल है, 'सामान्य समझ' अक्सर गलत साबित होती है। इस मामले में हमें लीक से हटकर सोचने की जरूरत है, खास तौर पर बलात्कार के मामले में यह ज्यादा सच है। मोदी मंत्रिमंडल द्वारा किशोर न्याय कानून में संशोधन के प्रस्ताव का उदाहरण लें, जिसमें 16 से 18 वर्ष के किशोरों के खिलाफ मामला वयस्कों की अदालत में चलाए जाने और संगीन अपराधों में...
More »बांध लील गए जमीन, चार दशक बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं
जिया कुरैशी, रायपुर। आजादी के छह दशक बाद भी लोगों के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया कितनी जटिल बनी हुई है, इसका अंदाजा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के किसानों के एक मामले को देखकर लगाया जा सकता है। कोई चार दशक पहले धमधा तहसील में सूखा और अकाल पीड़ितों की मदद के इरादे से राहत कार्य के तहत बांध बनाए गए थे। यह काम शुरू हुआ और बांध भी बन गए, लेकिन...
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