दुनियाभर में अनेक कारणों से पिछले वर्ष लगभग 6.56 करोड़ लोगों को जबरन अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा. दुर्भाग्यवश यह संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2000 से 2016 के बीच दुनियाभर में करीब 3.5 अरब लोग प्राकृतिक आपदाओं और मानव जनित त्रासदियों की चपेट में आये थे. विस्थापितों की जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने और वांछित आपदाओं से कारगर तरीके से निपटने के लिए स्थायी समाधान खोजने...
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अंधविश्वास व अंधभक्ति का बाबा -- आशुतोष चतुर्वेदी
जो व्यक्ति बड़ी-बड़ी विदेशी कारों में चलता हो, फिल्में बनाता हो, उनमें हीरो की भूमिका भी खुद ही निभाता हो, खुद को बाबा कम रॉक स्टार अधिक मानता हो, जिस पर रेप का आरोप सिद्ध हो गया हो, जिसकी जीवनशैली राजा महाराज की तरह हो, जिसमें आध्यात्मिक गुरू का कोई तत्व न हो, ऐसा व्यक्ति क्या बाबा कहलाने लायक है? रेप के आरोप में राम रहीम को दोषी करार...
More »आंगनबाड़ी, आशा व मिडडे मिल वर्कर्स का भी जमा होगा PF
नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताआें, आशा आैर मिड डे मिल वर्कर्स को भी भविष्य निधि का लाभ देने की तैयारी में है. इससे देशभर में करीब 62 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताआें, आशा आैर मिड डे मिल वर्कर्स को लाभ होगा. इनके लिए काम करने वाली एक संस्था ने सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टी सीबीटी को एक ज्ञापन दिया है. सीबीटी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी...
More »बाढ़ और राजनीति का मौसम --- प्रेम कुमार
बाढ़ ने भले ही देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया हो या रेडक्रॉस ने भारत, नेपाल और बांग्लादेश में आयी बाढ़ को दक्षिण एशिया में गंभीर मानव संकट करार दिया हो, लेकिन भारत की राजनीति इस बाढ़ से सूखी है. ऐसा लगता है कि देश की राजनीति को कोई फर्क नहीं पड़ता कि अकेले बिहार में 1 करोड़ से ज्यादा लोग, तकरीबन पूरा...
More »प्रधानमंत्री का कहा और सत्य-- कुमार प्रशांत
स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले के अायोजन से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने कार्यक्रम की समाप्ति के बाद राहत की गहरी सांस ली थी अौर मुझसे जो कहा, उसका मतलब इतना ही था कि चलो, अपना काम पूरा हुअा; अब किसने क्या अौर कैसा कहा, यह सब अाप लोग जानते-छानते रहो. हम सबने मिल कर देश को एक ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहां सार्वजनिक कुछ भी...
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