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न्याय के प्रप्रतिनिधियों को न्याय नहीं

गांवों में आम आदमी को सस्ता, सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से 73 वां संविधान संशोधन विधेयक के तहत बिहार में ग्राम कचहरी को भी कानूनी मान्यता दी गयी. छोटे-मोटे विवादों का निबटारा गांवों में हो, ताकि बड़ी अदालतों पर बोझ कम हो. इसी मकसद से ग्राम कचहरी का गठन किया गया. राज्य में इसके प्रप्रतिनिधि भी हजारों की संख्या में चुने गये. पंच-सरपंच संघ बिहार प्रदेश के अध्यक्ष आमोद...

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कैदी नेता नहीं लड़ पायेंगे कोई चुनाव- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। जेल में बंद विचाराधीन नेताओं के चुनाव लड़ने का चलन खत्म करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई व्यक्ति जो जेल में या पुलिस हिरासत में है, वह विधायी निकायों का चुनाव नहीं लड़ सकता। आपराधिक तत्त्वों को संसद या विधानसभाओं में प्रवेश करने से रोकने वाले एक अन्य अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ निर्वाचक ही चुनाव लड़ सकता है और जेल...

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उच्चतम् न्यायालय के फैसले की समीक्षा हो सकती है- कानूनी विशेषज्ञ

नयी दिल्ली। कानूनी विशेषज्ञों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की भावना की आज प्रशंसा की जिसमें जेल में बंद लोगों को चुनाव लड़ने से रोका गया है लेकिन कहा कि इसे समीक्षा के लिए लाया जा सकता है क्योंकि कई मुद्दों को स्पष्ट करने की जरूरत है जिसमें चुनावों से पहले अपने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए नेताओं द्वारा इसका दुरूपयोग करना भी शामिल है । विशेषज्ञों का मानना है...

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हिमाचलः सीएम और कई नेता ले रहे है हैं गरीबों का राशन!

आम आदमी को सस्ता राशन उपलब्‍ध कराने का गुणगान करने वाले मुख्यमंत्री जी खुद भी उस राशन के हकदार बने हुए हैं। हिमाचल में मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का राशन लेते हैं। यह जानकारी शिमला के संजौली निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रवि कुमार ने सूचना के अधिकार के तहत मिली है। पिछले तीन महीनों की सूचना के अनुसार सूबे में मुख्यमंत्री, नौकरशाह और कई अन्य नेता पीडीएस का राशन ले...

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जाति की नई राजनीति- बद्रीनारायण

जनतंत्र सत्ता एवं सामाजिक संरचना के पिरामिड में उथल-पुथल मचाता रहता है। कई बार कई समाजों में जो सामाजिक समूह नीचे रहे हैं, उन्हें वह ऊपर, और जो ऊपर रहे हैं उन्हें वह नीचे ला देता है। लेकिन खासकर ‘भारतीय जनतंत्र' से सामाजिक पिरामिड के ‘ऊपर' और ‘नीचे' को समाप्त कर समानता लाने की अपेक्षा अब भी दूर की कौड़ी ही है। भारतीय समाज एवं राजसत्ता के शीर्ष पर ब्राह्मण और...

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