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थोक मुल्‍यवृद्धि 5 साल के निम्‍न स्‍तर पर

नयी दिल्‍ली : कल ही खुदरा महंगाई दरों में गिरावट की खुशखबरी आयी है उसके एक दिन बाद ही थोक महंगाई दरों में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट से आम जनता ने राहत की सांस ली है. सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच साल के न्यूनतम स्तर 2.38 पर आ गयी. थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 3.74 प्रतिशत थी जबकि एक साल पहले सितंबर 2013 में...

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अपने पीछे हुदहुद छोड़ गया है तबाही का मंजर

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘कल विशाखापत्तनम जाउंगा और हालात का जायजा लूंगा.’’प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है और लगातार उनसे ताजा हालात की जानकारी ले रहे हैं. सोमवार सुबह पांच बजे से NDRF की टीम पुन: राहत बचाव कार्य में लग गई है. इससे पहले कल NDRF की टीम ने 558 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था. एक साल...

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स्वास्थ्य नीति: 'नौ दिन चले अढाई कोस'-- ज्यां द्रेज

केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बने अब चार महीने से अधिक हो चुके हैं. मोदी ने चुनाव प्रचार में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी का वादा भी किया था. लेकिन स्वास्थ्य के मोर्चे पर मोदी सरकार ने किया क्या है, इसका विस्तृत ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है. अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ राष्ट्रपति के अभिभाषण, प्रधानमंत्री के संसद में दिए भाषण, लाल किले से प्रधानमंत्री का देश के नाम संदेश और वित्तमंत्री...

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इको-फ्रेंडली सीमेंट से सस्ते में बनेंगे मकान, सीमेंट में लाइमस्टोन की जगह होगी मिट्टी

नई दिल्ली. कम निवेश में गांवों के कच्चे मकानों को पक्का करने के साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखने की दिशा में आईआईटी दिल्ली, मद्रास और मुंबई मिलकर इको-फ्रेंडली सीमेंट बना रहे हैं। जिसके निर्माण में कम कार्बन का उत्सर्जन होगा। दरअसल इस तकनीक को स्विस की एक संस्था ईपीएफएल ने इजाद किया है और क्यूबा में घरों के निर्माण इस इको-फ्रेंडली सीमेंट से हो रहे हैं। विश्व की सीमेंट...

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क्या गरीबी कभी खत्म हो सकती है?- लार्ड मेघनाद देसाई

लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...

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