SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 784

नेफेड से फसल खरीद बढ़ाने में जुटी सरकार

कई फसलों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे गिरने से चुनावी साल में सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस साल रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद है, लेकिन फसलों की खरीद को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। किसानों के गुस्से से बचने के लिए केंद्र ने सरकारी एजेंसियों से खरीद बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इसके लिए प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत नेफेड और केंद्रीय भंडारण...

More »

कृषि नीति और नीयत का संकट- अविनाश पांडेय समर

आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...

More »

सिर्फ लुभावनी बातों से नहीं- हरवीर सिंह

देश की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों, भाजपा और कांग्रेस, का मानना है कि आम आदमी के जीवन को बेहतर करने और गरीबी उन्मूलन का एक ही मंत्र है, वह है-ऊंची विकास दर। लेकिन इस समय आर्थिक विकास दर दशक के सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए विगत शुक्रवार को आए केद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, लगातार सातवीं...

More »

मंडियों में फसल आते ही सरकारी गोदामों से गेहूं की बिक्री बंद - आर एस राणा

खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत मध्य प्रदेश में गेहूं की बिक्री सरकार ने बंद कर दी है जबकि अन्य राज्यों में फ्लोर मिलों को गेहूं बेचने के लिए दो ओर निविदा जारी की जाएंगी। ओएमएसएस के तहत अभी तक केवल 50 लाख टन गेहूं की बिक्री ही हो पाई है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मध्य प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं की न्यूनतम...

More »

गुजरात मॉडल की असलियत- कृष्ण स्वरुप आनंदी

जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close