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सरकार बनाम सिविल सोसायटी- कुलदीप नैयर

भारत में सिविल सोसाइटी सरकार को एक गतिशील जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार कराने में सफल नहीं हो सकी। फिर भी इस गतिविधि के मुख्य केंद्र गांधीवादी अन्ना हजारे ने आंदोलन तथा अनशन की जो चेतावनी दी है, उसने सरकार के मन में परमात्मा का भय तो बैठा ही दिया। उसने अपने परिवेश की स्वच्छता की दिशा में शुरुआत कर दी है। दो दूरसंचार मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने को बाध्य किए...

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वेदांत की याचिका हाईकोर्ट में खारिज

कोरापुट लांजीगड़ स्थित वेदांत आलूमिना परियोजना संप्रसारण को लेकर हाईकोर्ट में वेदांत की तरफ से दायर याचिका आज खारिज हो गयी है। वेदांत की तरफ से 1 से 6 मिलियन टन उत्पादन बढ़ाने के लिए यानी संप्रसारण किए जाने को लेकर हाईकोर्ट की इजाजत मांगी गयी थी, मगर वहां पर पर्यावरण मंजूरी सही न होने की बात विपक्ष केन्द्र सरकार की तरफ से अदालत को दर्शाया गया। इसके चलते इस मामले की सुनवाई...

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जमीन खरीद मामला: गृहमंत्री को बर्खास्त करने की मांग

रायपुर। राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य के गृहमंत्री के पुत्र पर उद्योग के लिए आदिवासियों की जमीन खरीदने का आरोप लगाया है तथा राज्यपाल से इस मामले की जांच कराए जाने और गृहमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त को सौपे ज्ञापन में आरोप लगाया है कि राज्य के जांजगीर चांपा जिले में मेसर्स विडियोकान...

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अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग ने यूपी सरकार को दिया नोटिस

लखनऊ। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग ने उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाई एस सचान की पिछले 22 जून को लखनऊ जेल में हुई रहस्यमय मौत की जांच अभी तक केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने की संस्तुति नहीं करने को एक साजिश का हिस्सा बताते हुए राज्य सरकार को आज नोटिस जारी किया। आयोग के अध्यक्ष और बाराबंकी से कांग्रेस सांसद पी.एल.पुनिया ने आज डिप्टी सीएमओ के परिजनों से मुलाकात के बाद यहां कहा कि...

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लोकपाल विधेयक-- 15 नहीं 16 अगस्त का इंतजार- पु्ण्य प्रसून वाजपेयी

जन लोकपाल अगर सरकारी लोकपाल नहीं हो सकता और सरकारी लोकपाल का मतलब अगर भ्रष्टाचार का लाइसेंस सरकार के ही पास रखनेवाला है, तो फ़िर अन्ना हजारे का आंदोलन भी अब महज भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मुनादीवाला नहीं हो सकता. क्योंकि सिविल सोसाइटी के लिए जो मुद्दे भ्रष्टाचार के घेरे में आते हैं, सरकार के लिए वह संसदीय व्यवस्था का तंत्र है. शायद इसीलिए पहली बार लोकतंत्र के तीनों पाये चेक एंड बैलेंस...

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