नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था को क्रय शक्ति क्षमता (पीपीपी) के संदर्भ में हिंसा के कारण पिछले साल देश को 1,190 अरब डॉलर यानी करीब 80 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुकसान प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 595.40 डॉलर यानी 40 हजार रुपए से अधिक है। गैर सरकारी संगठन इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने 163 देशों एवं क्षेत्रों का अध्ययन करने के बाद यह...
More »SEARCH RESULT
देश के 8 प्रदेश हुए ‘केरोसिन मुक्त’, जानिए क्यों कम हो रही है खपत
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के चारों ओर चार राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ‘केरोसिन मुक्त' बन गए हैं, यह ईंधन के उपयोग को कम करने के लिए सरकार के अभियान की सफलता को दिखाता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश, दादर-नगर हवेली, दमन-दीव और पुडुचेरी ने वित्त वर्ष 19 की पहली तिमाही के लिए पीडीएस केरोसिन को नहीं हटाया है. चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में केरोसिन का आवंटन पहले ही बंद...
More »अब तो थमे रुपए की फिसलन - डॉ. भरत झुनझुनवाला
पिछले दो साल से रुपए का मूल्य लगभग 64 रुपए प्रति डॉलर पर स्थिर रहा है, लेकिन पिछले दो महीनों में यह फिसलकर 68 के स्तर पर पहुंच गया है। यानी डॉलर के सामने रुपया कमजोर हो गया है। जैसे एक डॉलर के बदले पहले यदि 64 पेंसिल मिलती थीं, तो अब 68 मिलने लगी हैं। इसका अर्थ हुआ कि पेंसिल का मूल्य कम हो गया है। विश्लेषकों का मानना...
More »पेट्रोल-डीजल के कीमतों में वृद्धि से बढ़ी महंगाई दर
नई दिल्ली। लगातार महंगे हो रहे पेट्रोल-डीजल ने लंबे अरसे से ठंडी पड़ी महंगाई की आग को सुलगाना शुरू कर दिया है। हाल यह है कि अप्रैल में पेट्रोल-डीजल, फल और सब्जियां महंगे होने से थोक महंगाई दर बढ़कर 3.18 प्रतिशत हो गयी है जो चार माह के उच्चतम स्तर पर है। इसी तरह अनाज, मीट, मछली और फलों की कीमत बढ़ने से खुदरा महंगाई भी गिरावट के रुख को...
More »सरकार का तीसरा अग्रिम अनुमान : फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्नों का होगा रिकॉर्ड उत्पादन
नयी दिल्ली : कृषि उत्पादन के बारे में सरकार ने ताजा अनुमान जारी किया है. सरकार के अनुमानों के अनुसार, देश में चालू फसल वर्ष जुलाई-जून 2017-18 में 27 करोड़ 95.1 लाख टन अनाज का उत्पादन होगा, जो एक कीर्तिमान है. यह अनुमान पिछले साल के उत्पादन के मुकाबले 1.6 फीसदी अधिक है. पिछले साल से मॉनसून अच्छा रहा और कृषित उत्पादों के समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसान अधिक...
More »