साल 2015 विदा हो रहा है। इस साल भी हमारे नेता, अभिनेता, प्रतिपक्ष और समाज के पुरोधा असली मुद्दों पर कम, प्रतीकों के गिर्द ही अपनी नीतियां और रणनीतियां गढ़ते, झगड़ते रहे। ध्यान का केंद्र चाहे असेंबली चुनाव हों, या महिला सुरक्षा, बिगड़ते पर्यावरण से जुडे बाढ़-सुखाड़ हों अथवा सार्वजनिक परिवहन या विदेश नीति, जिस तरह उन पर संसद के भीतर-बाहर और टीवी पर्दों पर टकराव हुए, तलवारें चलीं, लगा...
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झारखंड- राज्य में जल्दी मछली पालन को कृषि का दर्जा
रांची : मुख्य सचिव राजीब गौबा ने कहा कि राज्य के कृषि योग्य भूमि के 30 प्रतिशत भू-भाग के लिए सिंचाई क्षमता उपलब्ध है, लेकिन मात्र 12 प्रतिशत भूमि में ही इसका उपयोग हो रहा है. सृजित सिंचाई क्षमता का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाना चाहिए. बैठक में मछली पालन को कृषि का दरजा देने पर सहमति बनी. राज्य के सभी बड़े जलाशयों में केज कल्चर तकनीक से मछली पालन...
More »‘घर से काम’ भी है एक विकल्प-- अभिषेक कुमार
दिल्ली में पहली जनवरी से कारों के प्रवेश के लिए उनके सम-विषम नंबर को आधार बनाकर फिलहाल 15 दिनों के लिए जो फॉर्मूला लागू किया गया है, उससे बढ़ते प्रदूषण की समस्या पर कुछ लगाम लगने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि कई निजी कंपनियों और यहां तक कि विदेशी दूतावासों की तरफ से इस बारे में यह कहकर इस पर आपत्ति की गई है कि अगर इस फॉर्मूले...
More »प्रदूषण घटाने के लिए सीएसआईआर का वर्चुअल अटेंडेंस फार्मूला
दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सम एवं विषम नंबर के फार्मूले को अप्रभावी बताते हुए केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान सीएसआईआर ने अपना फार्मूला सुझाया है। सीएसआईआर का कहना है कि वर्चुअल अटेंडेंस एट वर्क एंड स्कूल इससे कहीं ज्यादा प्रभाव हो सकता है। इसके तहत बुधवार को स्कूलों की पढ़ाई और दफ्तरों का कामकाज घर बैठकर किया जाए। सीएसआईआर की दिल्ली स्थित प्रयोगशाला...
More »छठे क्लास का बच्चा बना रहा गाड़ियों का मॉडल
मोकामा : जिस उम्र में आम बच्चे खिलौने से खेलते हैं, उसी उम्र में कबाड़ से जरूरत का सामान निकाल कर एक लड़का अपनी प्रतिभा का न सिर्फ लोहा मनवा रहा है, बल्कि लोगों के बीच कौतूहल का भी विषय बन चुका है़ मोकामा के मोर पूर्वी गांव का रहनेवाला समर उन प्रतिभाशाली बच्चों में से एक है, जो कबाड़ के सामानों से विभिन्न गाड़ियों का मॉडल बना रहा है़ अब...
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