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अस्पताल पहुंचेगा आपके द्वार

ग्वालियर. सुदूर गांव में रहने वालों को अब उपचार के लिए शहर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। ग्रामीणों को उनके गांव में ही उपचार मिल सके, इसके लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग दीनदयाल चलित अस्पताल प्रारंभ करने जा रहा है। ग्वालियर सहित प्रदेश के ३३ जिलों में यह सुविधा संभवत: जनवरी के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हो सकती है। आमतौर पर देखा जाता है कि सुदूर गांव में रहने वाले...

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एनजीओ को मिल सकता है हेल्थ सेंटरों का संचालन

रायपुर.स्वास्थ्य विभाग प्रायमरी हेल्थ सेंटरों का संचालन एनजीओ से कराने पर विचार कर रहा है। इसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। सोमवार को सामाजिक संस्था करुणा फाउंडेशन का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य संचालक पी. अन्बलगन से चर्चा करेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि यदि सबकुछ योजना के मुताबिक तय हुआ तो प्रायमरी हेल्थ सेंटरों की निगरानी और संचालन सामाजिक संस्था के हाथों में चला जाएगा। यह योजना किस स्वरूप...

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कौन हैं बिनायक सेन?

खादी का बिना प्रेस किया हुआ कुर्ता-पाजामा और पैरों में साधारण स्पोर्ट्स शू पहने 58 वर्षीय डॉक्टर बिनायक सेन को देखकर अक्सर उनके समूचे व्यक्तित्व का पता नहीं चल पाता. जेल में दो बरस रहने से पहले तक समय पहले तक उनकी लंबी दाढ़ी हुआ करती थी और लोग उन्हें सीधे-सादे सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में जानते थे तो कुछ एक बौद्धिक चिंतक के रुप में. लेकिन अब पुलिस उन्हें नक्सलियों का...

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कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी

परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...

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' हमारी 108 ने दुनिया के सारे रिकार्ड तोड़े हैं '

नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी और भुवन चंद्र खंडूड़ी के बाद डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री हैं. पिछले 10 सालों में ‘राज्य की दशा और दिशा’ पर उन्होंने मनोज रावत से बात की   अलग राज्य बनने के बाद दस वर्षों का क्या अनुभव है? मैं सोचता हूं कि इन वर्षों को राज्य के सुखद और आशाओं से भरे समय के रूप में देखा जा सकता...

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