नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद प्रतिबंधित 500 व 1000 रुपए के कितने नोट और धनराशि बैंकों में वापस आए, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। गैर सरकारी एजेंसियां अपना-अपना आकलन कर रही हैं। बताया जा रहा है कि 95 से 97 फीसद तक प्रतिबंधित नोट वापस आ चुके हैं। यह निश्चित तौर पर सरकार की उम्मीदों से काफी ज्यादा है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि अभी तक भारतीय...
More »SEARCH RESULT
जिस गांव में नहीं पानी और टॉयलेट की सुविधा, वहां लोगों के अकाउंट में 5-5 रु डालकर बनाया ‘कैशलेस’
नोटबंदी के बाद शहरों के साथ-साथ गांवों को भी कैशलेस बनाने की बात चली थी। ऐसे में केरल के मलप्पुरम को देश का पहला पहला ‘कैशलेस आदिवासियों का गांव' घोषित कर दिया गया। लेकिन वहां की असलियत कुछ और ही है। इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी मिली है कि 27 दिसंबर को मलप्पुरम के कलैक्टर अमित मीना ने 27 लोगों के खाते में 5-5 रुपए डालकर जिले को ‘कैशलेस' घोषित कर...
More »RBI जल्द जारी करेगा बैंकों-डाकघरों में जमा किए गए पुराने नोटों के आंकड़े
बैंकों, डाकघरों में जमा कराए गए पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों के बारे में अटकलों पर विराम लगाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह जल्द से जल्द इनके आंकड़े जारी करेगा। आरबीआई ने कहा कि वह बैंकों के पास पहुंचे पुराने नोटों का अमान्य की गई मुद्रा से मिलान कर रहा है और उसके बाद वह जल्द से जल्द आंकड़े जारी कर देगा। रिजर्व...
More »4 साल की उम्र के बच्चों से उठवाई जाती थी ईंटे, जुल्म के भट्टे से 200 मासूमों को बचाया
बचपन, जीवन के उन खुशनुमा पलों में से एक होता है जब इंसान बेफिक्रियों के बादलों में घिरा होता है। इन पलों में बाल मजदूरी करना उनके लिए एक सजा है। देश में बाल मजदूरी को रोकने के लिए ढेरों नियम-कानून बनाए गए हैं, इसके बावजूद बाल मजदूरी आंकड़ों के आंकड़ों में कमी नहीं आई है। ये ऐसा गैरकानूनी कृत्य है, जो बच्चों को बड़ों की तरह जीने पर मजूबर...
More »ई गवर्नेंस :दुनिया के श्रेष्ठ देशों का मॉडल अपनाएगी सरकार
आम लोगों से सरोकार रखने वाली शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यावरण,वित्त,सामाजिक कल्याण से जुड़ी देश भर की ज्यादातर सेवाओं को केंद्र सरकार ई गवर्नेंस मॉडल के तहत लाने की तैयारी में जुटी है। देश के विभिन्न राज्यों से करीब 1700 सेवाओं को चिन्हित करके इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक पोर्टल के तहत लाने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकारों से भी इस संबंध में विचार विमर्श किया गया है। वर्ष 2017 में...
More »