भोजन के अधिकार बिल पर चर्चा चल निकली है और अपनी निष्ठा जताते हुए सरकार ने उसको अमली जामा पहनाने की कवायद शुरु कर दी है। ऐसे में नागरिक-संगठनों के कार्यकर्ता और गंवई समस्याओं के गहरे जानकार विशेषज्ञों को यह आशंका सता रही है कि पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लक्ष्य से जुड़ा यह महत्वाकांक्षी बिल अपने मूल मंतव्य से चूककर कहीं सूरदास को सूंघाने के लिए कढ़ाही में...
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भोजन का अधिकार
खास बात · खाद्य सुरक्षा विधेयक में कहा गया है कि देश के ग्रामीण क्षेत्र के 75 फीसदी और शहरी क्षेत्र के 50 फीसदी लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस आबादी का वर्गीकरण दो कोटिय़ों- प्राथमिक(priority) और सामान्य(general)- के रुप में किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र से 46 फीसदी लोगों को प्राथमिक वर्ग में रखा जाएगा जबकि शहरी क्षेत्र से 28 फीसदी लोगों को। बाकी जन दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य वर्ग में माने जायेंगे। विधेयक के...
More »सूचना का अधिकार
[inside]आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने पर मार दिए गये बिहार के निवासियों पर एक रिपोर्ट आई है. जानिये रिपोर्ट की मुख्य बातें[/inside] पूरी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कृपया यहाँ क्लिक कीजिये. साल 2010 से लेकर अब तक, बिहार में आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने के कारण कुल 20 कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गवाई है. लगभग आधे कार्यकर्ताओं की हत्या पिछले 4 साल में हुई हैं. वर्ष 2018 में छह कार्यकर्ताओं की हत्या की...
More »शिक्षा का अधिकार
[inside]रिपोर्ट: उत्तरी बिहार में शिक्षा-व्यवस्था के ख़स्ता हाल [/inside] जन जागरण शक्ति संगठन ने बिहार की सरकारी स्कूलों पर एक सर्वे किया है। यह सर्वे “बच्चे कहाँ हैं ?” शीर्षक वाली रिपोर्ट के रूप में प्रकाशित हुआ है। कृपया यहाँ और यहाँ क्लिक कीजिये। रपट की मुख्य बातें– 2023 की शुरुआत में बिहार के अररिया और कटिहार जिलों में 81 प्राथमिक और उच्च–प्राथमिक सरकारी स्कूलों में सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण में यह ज्ञात हुआ कि नामांकित कुल...
More »वनाधिकार
साल २००६ के १३ दिसंबर को लोकसभा ने ध्वनि मत से अनुसूचित जाति एवम् अन्य परंपरागत वनवासी(वनाधिकार की मान्यता) विधेयक(२००५) को पारित किया। इसका उद्देश्य वनसंपदा और वनभूमि पर अनुसूचित जाति तथा अन्य परंपरागत वनवासियों को अधिकार देना है। यह विधेयक साल २००५ में भी संसद में पेश किया गया था, फिर इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए जिसमें अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ अन्य पंरपरागत वनवासी समुदायों को भी इस...
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