विमलेश मिश्र, जमशेदपुर : ये दूसरों की गंदगी साफ करते, मगर खुद नारकीय जीवन जी रहे हैं। गंदगी साफ करते-करते चर्म, टीबी व कुष्ठ जैसे असाध्य रोग इन्हें घेर लेते हैं। अनुसूचित जाति के हैं, मगर सुविधा कुछ को ही। पहले सफाई के लिए सरकार या कंपनी से नौकरी मिल जाती थी, अब ठेकेदार से मिलने वाली मजदूरी पर जीवन टिका है। संसद ने कानून बना सिर पर मैला ढोने...
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100 वर्ष पुराने तालाब का ग्रामीणों ने किया जीर्णोद्धार
चरखी दादरी, जागरण संवाद केंद्र : दादरी उपमंडल के गांव ऊण में 100 वर्ष पुराने पक्के तालाब के जीर्णोद्धार व उसकी सफाई के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान कर सार्थक पहल की। ग्रामीणों ने 2 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन नहर से तालाब तक जोड़कर स्वच्छ पानी भरने की व्यवस्था अपने स्तर पर की है। गांव ऊण के तालाब के जीर्णोद्धार, सफाई व इसमें लबालब स्वच्छ पानी भरने के बाद ग्रामीणों ने...
More »मुख्यमंत्री ने फिर गांवों में जाकर देखा फसलों का हाल
भोपाल। जबसे किसानों के खेतों में पाले की आफत आई है और किसानों के आत्महत्या करने के मामले बढ़े हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोजाना फसलों का मुआयना करने किसी न किसी गांव में पहुंच रहे हैं। रविवार को वह राजधानी के पड़ौसी रायसेन जिले के दो गांवों में गए और किसानों को दिलासा दी कि सरकार उनके साथ है और वे कतई चिंता न करें। जिन गैर लाइसेंसी साहूकारों से...
More »नए साल से कामगारों को न्यूनतम मजदूरी 135 रुपये
राजस्थान सरकार ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी को बढ़ा दिया है। श्रम एवं नियोजन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मनोहरकांत ने शुक्रवार को यहां बताया कि बढी हुई मजदूरी की दरें एक जनवरी से लागू होंगी। उन्होंने बताया कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत एक मार्च 2008 से लागू दरों में बढ़ोतरी करते हुए एक जनवरी 2011 से अकुशल कामगारों को न्यूनतम 135 रुपये, अर्द्धकुशल को 145...
More »पंजाब में किसानों को लेबर की किल्लत
जालंधर। राज्य के किसानों को इन दिनों लेबर की कमी से जूझना पड़ रहा है। बिहार और यूपी में मजदूरों के लिए सुविधाएं मुहैया होने के बाद पंजाब की लेबर ने अपने राज्य की तरफ रुख कर लिया है। इस समय आलू, गाजर इत्यादि की फसल तैयार है, लेकिन पुटाई के लिए लेबर नहीं मिल रही। धान के सीजन में लेबर दोगुणा दाम मांगती है। पहले प्रति एकड़ 1000 रुपए लेकर धान...
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