शिक्षक को वे सारे कार्य करने हैं, जिनके लिए न तो उसकी नियुक्ति हुई है, न ही वह इच्छुक या प्रशिक्षित हैं. 90% से अधिक बच्चे तीसरी-चौथी कक्षा में पहुंच जाने पर भी अपनी ही कक्षा की हिंदी पुस्तक की दो-चार लाइनें भी दो-चार मिनटों में शुद्ध व सहज स्वर में नहीं पढ़ सकते हैं. मध्याह्न भोजन के अतिरिक्त बच्चों को पाठशाला में कोई आकर्षण नहीं रह गया है. पढ़िए...
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देशप्रेम और देशद्रोह के बीच बजट-- पुष्पेश पंत
किसी भी सरकार के लिए बजट बनाना अौर उसे पास कराना एक बड़ी चुनौती होती है. यदि यह वित्तीय विधेयक पास नहीं होता, तो इसे सदन के विश्वास का अभाव समझा जाता है अौर सरकार गिर सकती है. अगर बजट पास भी हो जाये अौर उसके प्रावधानों से जनता में असंतोष फैलता है, तब भी किसी सरकार के लिए अपने जनाधार को बरकरार रखना कठिन होता जाता है. हर नयी...
More »बोवनी नहीं हो पाई तो भी फसल बीमा के दायरे में : मोदी
भोपाल। सालभर पहले जो लोग मुझ पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते थे, वे भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कारण चुप हो गए हैं। इस योजना में गांव के एक किसान को नुकसान हुआ तो भी उसे क्लेम मिलेगा। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सीहोर जिले के शेरपुर गांव में किसान महासम्मेलन में फसल बीमा की गाइडलाइन जारी करने के दौरान कही। मोदी ने कहा...
More »झारखंड- सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश, राज्य में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी
रांची : बजट से पहले विधानसभा में गुरुवार काे संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने सरकार की ओर से सामाजिक- आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया है कि झारखंड की प्रति व्यक्ति आय वृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्राेथ रेट) राष्ट्रीय आैसत से अधिक है. वर्तमान मूल्य (करंट प्राइस) पर देश की प्रति व्यक्ति आय में औसत 10.44% की वृद्धि हुई है, जबकि झारखंड में यह 14.65...
More »हर रोज ढाई हजार किसान छोड़ रहे हैं खेती
लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता किशन पटनायक ने कहा कि खेती और किसान की वर्तमान दशा के बीच यक्ष प्रश्न यह उठ खड़ा हुआ है कि वास्तव में किसान कौन हैं, किसान की क्या परिभाषा हो? एेसा इसलिए है कि वित्तीय योजनाओं के संदर्भ में किसान की एक परिभाषा है, तो राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो का कोई दूसरा मापदंड है, पुलिस की नजर में किसान की अलग परिभाषा है... इन सबके...
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