अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
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आबादी से बाहर होंगी फायर रेंज: धूमल
शिमला. राज्य सरकार आबादी वाले क्षेत्रों से फायरिंग रेंजों को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर करने के लिए मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी। पैरा मिल्रिटी और सैन्य विभाग की कांगड़ा जिले में स्थित फायरिंग रेंज को 1977 में नोटिफाई किया गया था लेकिन इसके बाद क्षेत्र में कई घरों का निर्माण हुआ है जिसकी लोगों की सुरक्षा से जुड़ा मसला और गंभीर हुआ है। प्रदेश मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने विधानसभा सत्र...
More »मौत व कलंक के भय पर सेवा भारी
रांची [नीरज अंबष्ठ]। एड्स! जिसकी परिणति कलंक व निश्चित मौत। पूरे परिवार को बर्बाद कर देने वाली बीमारी। जाने-अनजाने में जिसे हो जाए, उसके अपने ही उससे दूर भागने लगते हैं। कहीं छूने-सटने से उसे भी.। बेघर तक किए जाते हैं। लेकिन एड्स पीड़ितों की सेवा और उनके लिए कुछ करने की उमंग को क्या कहेंगे? सिस्टर प्रमिला कुजूर को न तो मौत से डर है, और न ही कलंक से। एड्स पीड़ितों की सेवा की...
More »फूलमती: वह सचमुच ग्राम प्रधान है
आजमगढ़ [जासं]। अन्याय सहना उन्होंने नहीं सीखा। फकत सात साल की थीं जब उन्होंने कदाचार के खिलाफ बिगुल फूंका। कीमत बड़ी चुकानी बड़ी अर्थात पढ़ाई छूट गयी लेकिन हौसले का साथ न छूटा। कदाचार के खिलाफ जंग जारी रही और वर्ष 2005 में कक्षा 2 पास यह महिला बनीं अपने गाव की मुखिया। बात हो रही है फूलमती त्रिपाठी की। वह अजमतगढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कादीपुर रजादेपुर की प्रधान हैं। मायका है...
More »खरगोश बनाएगा गांवों की तकदीर
रायपुर. कहानियों में प्रतिष्ठापूर्ण दौड़ में कछुए से पिछड़ जाने वाला खरगोश अब हकीकत में प्रदेश के गांवों को आर्थिक समृध्दि की दौड़ में आगे ले जाने वाला है। वैटेनरी विभाग की मानें तो खरगोश के मीट, खाल और बाल का कारोबार कर यहां के ग्रामीण खासी कमाई कर सकेंगे। प्रदेश में आदिवासियों को गाय बांटने की महत्वाकांक्षी योजना के फेल हो जाने के बाद अब खरगोश बांटने की योजना बनाई गई है। वैटेनरी विभाग...
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