स्वतंत्रता दिवस पर रेडियो गाना बजा रहा था- ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखायें झांकी हिंदुस्तान की...' मेरा मन बार-बार गोरखपुर के उन बच्चों की तरफ जा रहा था, जो हिंदुस्तान की झांकी देखे बिना ही विदा हो गये. बिना इस मिट्टी से तिलक किये, बस ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ गये. ...ये धरती है बलिदान की! मैं सोचने लगा. काश स्वास्थ्य के मुद्दे पर राजनीति होती! काश सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य...
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कोई तो महसूसे मौतों की शर्म!-- कृष्णप्रताप सिंह
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल काॅलेज में आॅक्सीजन के अभाव में पांच दिनों में पांच दर्जन से ज्यादा बच्चों की मौतों के बाद शोक, क्षोभ व रोष की लहरें थामे नहीं थम रहीं. इसके बावजूद कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने द्वारा घोषित उच्चस्तरीय जांच के नतीजों का इंतजार किये बिना ही काॅलेज के प्राचार्य को निलंबित करा दिया और एेलान किया है कि दोषियों के...
More »किसानों को चाहिए साहसिक सुधार-- आलोक रंजन
देश के ज्यादातर राज्य गंभीर कृषि संकट की गिरफ्त में हैं। किसानों का असंतोष व उनकी बेचैनी दिनोंदिन आक्रामक होती जा रही है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में जो कुछ हुआ, वह हमारे नीति-नियंताओं के लिए एक झकझोर देने वाला वाकया था। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उनकी आमदनी नहीं बढ़ रही है। दालों और...
More »समस्या धारा 370 नहीं, समस्या है दो अलग-अलग सोच-- प्रेम कुमार
धारा 370 बोलते ही मस्तिष्क में उभर आता है जम्मू-कश्मीर, जुबान पर आ जाती है बीजेपी, नज़र आने लगते हैं सेकुलरवादी और टीवी पर झगड़ते बंटे हुए नेता. धारा 370 यानी जम्मू-कश्मीर के प्रताड़ित और विस्थापित हिंदू, धारा 370 से याद आने लगता है पाक अधिकृत कश्मीर, सियाचीन ग्लेशियर जैसे एकीकृत जम्मू-कश्मीर के कटे हुए हिस्से, जिन पर पड़ोसियों का कब्जा है. धारा 370 यानी कश्मीर विवाद में पाकिस्तान की...
More »हिमालय नीति की जरूरत--- वीरेंद्र कुमार पैन्यूल
एक हिमालय नीति की जरूरत दशकों से महसूस की जा रही है। पूरे विश्व ने व संयुक्त राष्ट्र ने भी आधिकारिक रूप से यह माना है कि पहाड़ों के विकास की अलग रणनीति और तौर-तरीके होने चाहिए। पूर्व में अंतरराष्ट्रीय पर्वतीय वर्ष भी मनाया गया था। अमेरिका में तो पर्वतीय विकास पर काम करने के लिए अलग से एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है। इसी क्रम में हिमालय के लिए एक अलग...
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