नयी दिल्ली : दुनिया के करीब सात अरब लोगों को प्राणवायु ( ऑक्सीजन ) प्रदान करनेवाले जंगल आज खुद अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यदि जल्द ही इन्हें बचाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाये गये तो ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं विकराल रूप ले लेंगी. पटना में लंबे समय से जंगलों को बचाने के लिए काम कर रही संस्था तरूमित्र के प्रमुख फ़ादर राबर्ट ने बताया...
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थोड़ी खुशी ज्यादा गम- ।।प्रभात पटनायक।।
भूमि अधिग्रहण और विकास के शोर में हमारी जर्जर कृषि अर्थव्यवस्था भयानक संकट का सामना कर रही है, मगर वित्तमंत्री बजट में खेती-बाड़ी पर शोध के लिए 200 करोड़ की मामूली रकम का इंतजाम करके दूसरी हरित क्रांति का सपना देख रहे हैं. वित्त वर्ष 2012-13 का बजट कई वजहों से अहम माना जा रहा है. एक तरफ़ यूपीए सरकार चुनावी हार का सामना करने के बाद सियासी मोर्चे पर घिरी हुई...
More »सुधारों को नहीं मिली तेज धार ।।सुरजीत एस भल्ला।।
यूपीए सरकार की दूसरी पारी शुरू होने के कुछ महीने बाद ही लेहमैन ब्रदर्स और एआइजी जैसे बड़े नामों को ढहने के साथ ही वैश्विक आर्थिक मंदी की शुरुआत हो गयी थी. यूरोप की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और अमेरिका आर्थिक मंदी के भंवर से आज तक नहीं निकल पाये हैं, वहीं भारत मंदी के बाद भी आठ फ़ीसदी की विकास दर बरकरार रखने में कामयाब रहा था. यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार के कहर...
More »बहू और नाती पोतों ने किया पढ़ने को प्रेरित
कांकेर। 18 मार्च को साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत महापरीक्षा का आयोजन गांव गांव में किया गया। बड़ी संख्या में महिला पुरूषों ने उत्साहपूर्वक परीक्षा दिलाई। परीक्षा में उत्र्तीण होने पर साक्षर होने का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा जिसके बाद साक्षर आगे की कक्षाओं में शामिल हो सकेंगे। प्राय: केंद्रों में बड़ी संख्या में लोगो ने परीक्षा दिलाई। केंद्रों में परीक्षार्थी समय से पूर्व ही पहुंच गए थे। साक्षरों को...
More »बजट स्पेशल- घोषणाओं से लहलहाएगी फसल
नई दिल्ली. कृषि क्षेत्र के लिए इस बार बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। बजट में कृषि के लिए बजट 18 फीसदी बढ़ाकर 20,208 करोड़ किया गया है। यूरिया उत्पादन अगले पांच साल में जरूरत के अनुरूप किसानों को सीधे सब्सिडी देने के फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलावा 6 महीने में 50 जिलों में कैरोसीन और खाद सब्सिडी मिलेगी। मोबाइल के जरिए 12 करोड़ किसानों...
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