बोखड़ा (सीतामढ़ी)। प्रखंड के कुरहर गांव में गाड़े गए राजकीय नलकूप वर्षो से ठप पड़े हैं। इससे यहां की 300 एकड़ कृषि योग्य भूमि प्रभावित है। लाखों के लागत की यह परियोजना किसानों के लिए नकारा साबित हो रही है। सरकार ने किसानों को सस्ते दर पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर वर्ष 1975-76 ई. में उक्त गांव में नलकूप की स्थापना कराई। इसके लिए बिजली की आपूर्ति भी हुई। नलकूप चालू भी हुआ...
More »SEARCH RESULT
भंडार भरे, फिर भी मार रही महंगाई
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी भंडारों में निर्धारित मानक से तीन गुना ज्यादा अनाज, पिछले साल से बेहतर चीनी सत्र और सस्ते खाद्य तेलों की पर्याप्त उपलब्धता!...इसके बाद भी महंगाई मार रही है। दरअसल सरकार खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में बुरी तरह चूक गई है। शुक्रवार को संसद में चीनी की कीमतों में वृद्धि के बहाने प्रधानमंत्री ने इसे असफलता को स्वीकार भी कर लिया। उचित समय पर सही निर्णय लेने में खाद्य मंत्रालय...
More »महाजनी प्रथा के खिलाफ महिलाओ का अनोखा बैंक
रांची। कल तक बेरोजगारी का दंश झेल रही कमला देवी आज एक दुकान चलाकर न केवल अपने बच्चों को पालन-पोषण रही हैं बल्कि उन्हें अच्छी शिक्षा देने के सपने भी देख रही है। इसी तरह बालो देवी भी एक अंडा दुकान चला रही हैं। यह कहानी झारखंड की सिर्फ दो महिलाओं की नहीं है बल्कि ऐसी कई महिलाएं और समूह है जो 'इथिका वित्त अभिक्रम' नामक बैंक के सहारे सुविधा संपन्न जीवन के सपने...
More »सरकारी खरीद से देश में बढ़ सकते हैं गेहूं के दाम
नई दिल्ली : सरकार अगर गेहूं की आगामी फसल की बड़े पैमाने पर खरीद करती है तो इससे इसके दाम बढ़ सकते हैं। देश में गेहूं की सबसे अधिक खरीद करने वाला भारतीय ...
More »निर्माण व संचार ने बदली सूबे की तस्वीर
पटना। गुजरात के बाद देश में विकास की दौड़ में दूसरे नंबर पर रहने वाले बिहार की अर्थव्यवस्था में उछाल का मुख्य कारण निर्माण, संचार और व्यापार के क्षेत्र में दर्ज हुई तेज वृद्धि है। विधानमंडल में राज्य सरकार द्वारा गुरुवार को पेश वर्ष 2009-2010 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इस संबंध में लगाए जा रहे अनुमानों पर मुहर लगा दी है। प्रदेश में चार सालों में प्रति व्यक्ति आय 7,443 रुपये से बढ़कर 10,415 रुपये...
More »