आम चुनाव की आपाधापी के दौरान रांची के पास नामकुम की चंद्रमुनि (25 वर्ष) की इलाज के अभाव में हुई मौत सुर्खियां नहीं बन सकीं. विडंबना है कि चंद्रमुनि खुद राज्य में सहिया अर्थात् गर्भवती महिलाओं के लिए अक्रेडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट थीं, जिसने 15-20 महिलाओं की स्वास्थ्य प्रसूति में सहायता प्रदान की थी. चंद्रमुनि ने एक स्वस्थ्य बच्ची को जन्म दिया था, पर उसके बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती...
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4200 संस्थाएं ही कर रहीं नियमित अंशदान
पटना : राज्य के पांच हजार से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों का कर्मचारी राज्य बीमा (इएसआइ) नहीं करा रहे हैं. इस कारण कम आयवाले कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा लाभ से वंचित हैं. गैरसरकारी क्षेत्र के 15 हजार रुपये या इससे कम मासिक आमदनीवाले करीब 1 लाख 58 हजार कर्मचारी इस दायरे में आ सक ते हैं. बिहार में निगम से अब तक करीब आठ हजार संस्थाओं ने ही निबंधन कराया है....
More »ड्रग ट्रायल करने वाले डॉक्टरों को सिर्फ चेतावनी का 'डोज '
भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में भर्ती मरीजों की जिंदगी से खेलने वाली दवा कंपनी व डॉक्टरों को क्लीन चिट मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने बहुचर्चित ड्रग ट्रायल मामले में कंपनी व चिकित्सकों को महज चेतावनी देकर छोड़ दिया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी गई है। वर्ष 2004 से 2009 के बीच हुए 3 दवाओं के...
More »इलाज नहीं, बस मरीजों को रेफर करते हैं डॉक्टर
पटना सिटी: गंभीर स्थिति में मरीज अगर इलाज के लिए श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल पहुंचता है तो उसे देखते हीं वहां के चिकित्सक बस रेफर का पुरजा बना देते हैं. ऐसे में मरीजों को समझ में नहीं आता हैं और रेफर मरीज दलालों के चक्कर में पड़ जाते हैं. अस्पताल में स्वीकृत बेड की संख्या 394 है, लेकिन तत्काल में 127 बेड मौजूद है. इस अस्पताल में शहर व ग्रामीण...
More »गांव प्रयोगशाला नहीं, हमारी सांस्कृतिक जड़ हैं
पटना निवासी बाबुल प्रसाद ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए सतत कार्य करते रहे हैं. बाबुल ने आइआइबीएम पटना से मार्केटिंग में एमबीए की शिक्षा ग्रहण की. इन्होंने ‘यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन’ ‘सिएटल’ से एक साल का फैलोशिप भी किया हुआ है. बाबुल प्रसाद ‘पॉपुलेशन एसोसिएशन ऑफ अमेरिका’ के स्थायी सदस्य और पटना विश्वविद्यालय के ‘रूरल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ के गेस्ट फैकल्टी भी हैं. वर्तमान में इनका संगठन बिहार- झारखंड के कई जिलों...
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