झारखंड के खांटी आदिवासी गांवों में आदिवासी महिलाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता आई है. वे ‘स्वयं सहायता समूह’ बनाकर अपने छोटे-छोटे खेतों में गेंदा के फूल और आलू इत्यादि की खेती कर जीविकोपार्जन कर रही हैं. इस कार्य में ग्राम पंचायतें प्रखंड मुख्यालयों के मार्फत उनका सहयोग कर रही हैं. राज्य में पिछले साल सम्पन्न पंचायत चुनावों के बाद झारखंड के नक्सल प्रभावित कुछ गांवों में, खासकर आदिवासी गांवों की महिलाओं...
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जल्द मिलेगा किसानों को उर्वरक सब्सिडी- विजय गुप्ता की रिपोर्ट
साल दर साल उर्वरक सब्सिडी के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। इसके तहत कंपनियों के बजाए अब किसानों को सीधे उर्वरक सब्सिडी देने की पहल की जा रही है। वर्ष 2012-13 के बजट में वित्तमंत्री ने मोबाइल आधारित फर्टिलाइजर सब्सिडी योजना को लागू करने का प्रस्ताव किया है। इसके तहत डीलरों के जरिए किसानों तक उर्वरक सब्सिडी पहुंचायी जाएगी। किसानों को पहली किश्त...
More »खेती की उपेक्षा और खाद्य सुरक्षा- भारत डोगरा
जनसत्ता 21 मार्च, 2012: लोकसभा में पिछले वर्ष प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से कोई सहमत हो या असहमत, पर इसके महत्त्च से इनकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा रूप या इससे काफी मिलते-जुलते रूप में यह विधेयक पारित हो गया तो आने वाले अनेक वर्षों तक इसका हमारी खाद्य और कृषि व्यवस्था पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। इसलिए इस विधेयक से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे...
More »अवैध खनन का ‘राज’स्थान- शिरीष खरे(तहलका) की रिपोर्ट
पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय के सामने राजस्थान सरकार ने दावा किया था कि अरावली की पहाड़ियों में खनन पूरी तरह बंद है. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी के मुहाने पर बसे सीकर जिले की तस्वीर ही इस दावे की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है. शिरीष खरे की रिपोर्ट राजस्थान की राजधानी जयपुर को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-8 के साथ ऊंट के आकार-सी उठती-बैठती अरावली पर्वत श्रृंखला...
More »रामबाण नहीं है नदी जोड़ योजना- अभिनव श्रीवास्तव
जनसत्ता 16 मार्च, 2012: उच्चतम न्यायालय द्वारा सरकार को नदियों के एकीकरण की योजना पर चरणबद्ध तरीके से अमल करने का निर्देश देने के बाद परिणामप्रिय विश्लेषक इस योजना से होने वाले लाभों को गिनवाने में लग गए हैं। नदियों के एकीकरण के इस प्रस्ताव पर उस तबके के बीच खासा उत्साह का माहौल है जो इसके जरिए अपने हितों को साधने और अपने आर्थिक विस्तार की संभावनाएं तलाश रहा है।...
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