दुनिया भर का अनुभव बताता है कि नागरिक असंतोष यदि समय से सुलझाया न जा सके और उसे अनुकूल खाद-पानी मिले, तो अंततोगत्वा वह एक सशस्त्र प्रतिरोध में तब्दील हो जाता है। खास तौर से जब धर्म जैसा कोई मजबूत दर्शन इसके पीछे हो और बिना किसी गंभीर प्रयास के सरकारें सिर्फ लीपापोती कर रही हों, तब स्थिति अधिक बिगड़ सकती है। शुरुआत में तो इस उभार का सामना नागरिक...
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राजस्थान के कृषि मंत्री नहीं जानते GST का मतलब
जयपुर। भाजपा के नेता और कार्यकर्ता एक तरफ जीएसटी के गुणगान करते फिर रहे है, वही राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी जीएसटी का पूरा मतलब भी नहीं जानते। रविवार को बारां जिले के सर्किट हाउस में जब एक पत्रकार ने राजस्थान सैनी से जीएसटी का मतलब पूछा तो मंत्री कुछ देर तक सोचते रहे और बाद में सिर्फ गुड्स बोलकर चुप हो गए। दिलचस्प बात यह है कि वे जीएसटी के...
More »सरकारी स्कूलों में अंगरेजी -- मृणाल पांडे
उत्तराखंड की सरकार अपने सभी 13 जिलों के 18,000 प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा का माध्यम हिंदी से बदल कर अंगरेजी करने जा रही है. तुरंत प्रभाव से यह प्रयोग पहले दर्जा एक से शुरू होगा और धीरे-धीरे इसे सभी कक्षाओं में लागू किया जायेगा. तर्क यह दिया गया है कि आज के भारत में दवा के नुस्खों से लेकर अदालती व वित्तीय कामकाज तक समझना अंगरेजी न जाननेवालों के लिए...
More »सेवानिवृत्ति के बाद--- क्षमा शर्मा
अट्ठावन साल पर रिटायरमेंट क्या हुआ, सलाह देने वालों की बाढ़ आ गई। किसी ने कहा- अब तो आप बेटे के पास जाकर अपने पोते को खिलाइए। फिर पूछा- बहू तो अच्छी है न! मन में कहीं यह सुनने-जाने की जिज्ञासा थी कि बेटे-बहू से बनती है कि नहीं। फिर अगर उम्रदराज औरत हो तो उसका स्टीरियो टाइप भी नहीं बदला है कि उसका एकमात्र काम बुढ़ापे में अपने बच्चों...
More »गोरखालैंड पर अब तो मिटे तनातनी - कृपाशंकर चौबे
र्जिलिंग पिछले छह वर्षों से शांत था, किंतु वहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित करने और बांग्ला भाषा संबंधी पश्चिम बंगाल सरकार की अधिसूचना जारी होते ही यह पहाड़ी क्षेत्र उबलने लगा। तकरीबन पखवाड़े भर से जारी आंदोलन के रुकने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिख रही है, क्योंकि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पर्वतीय क्षेत्र से पुलिस बल व सेना हटाने और अलग गोरखालैंड राज्य बनाए जाने तक जंगी आंदोलन...
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