अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद से ऐसे लोगों को निराशा हुई है, जो यह उम्मीद कर रहे थे कि मंत्रियों का चयन शासन के उनके अनुभव और योग्यता के आधार पर किया जाएगा। निश्चित रूप से मंत्रिमंडल में अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, कलराज मिश्र और नितिन गडकरी जैसे लोग भी हैं, जिन्हें केंद्र या राज्य स्तर पर सरकार में शामिल...
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अबकी बार केवल सरकार- शंकर अय्यर
पिछले तीन महीने में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। यह सरकार विहीन यथार्थ से विपक्ष विहीन यथार्थ की स्थिति में आ गई है। निष्क्रियता और अयोग्यता का एक चक्र पूरा हो चुका है। ऐसे में, जनादेश को इस तरह भी अभिव्यक्त किया जा सकता है-अबकि बार केवल सरकार, कोई विपक्ष नहीं! सांसद आपस में मजाक करते देखे जा रहे हैं कि एनडीए के सभी सदस्यों के बैठने...
More »विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह
जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...
More »पहाड़ जैसी चुनौतियां, उम्मीदें आसमान पर
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने जा रही नई सरकार से सबको काफी अपेक्षाएं हैं। इस वक्त आम आदमी की सबसे बड़ी चिंता महंगाई को लेकर है। महंगाई का आंकड़ा दो अंकों के करीब पहुंच चुका है और अल नीनो के असर के कारण सूखे की आशंका बढ़ती जा रही है। ऐसे में महंगाई की चुनौती से पार पाना नई सरकार के लिए आसान नहीं होगा। महंगाई नियंत्रण के लिए हर...
More »भारत में बाढ़ और सूखे का जोखिम !
वाशिंगटन : स्टैंफोर्ड के वैज्ञानिकों ने मॉनसून के दौरान बेहद पानी गिरने अथवा शुष्क मौसम प्रणाली में उल्लेखनीय बदलाव आने के बारे में आगाह किया है इससे मध्य भारत में बाढ़ और सूखे का जोखिम बढ़ गया है. दो भारतीय मूल के वैज्ञानिकों सहित शोधकर्ताओं के अनुसार दक्षिण एशियाई मॉनसून सत्र के दौरान अत्यधिक उमस का मौसम और कई शुष्क दौर, दोनों की ही तीव्रता हाल के दशकों में बढ़ी है. स्टैंफोर्ड...
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