नई दिल्ली।। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी का कहना है कि सरकार मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के कानून की मदद से देश के शिक्षा परिदृश्य को पूरी तरह बदलने को तैयार है।...
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अंधेरे में ज्ञान का जुगनू
राजस्थान के इस गांव में नाम भर को पढ़ा लिखा एक चरवाहा, बिना किसी सरकारी या दूसरे सहयोग के रात के अंधेरे में ज्ञान की रोशनी फैला रहा है. हरडी गांव अजमेर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आसपास के तमाम दूसरे गांवों की तरह ही हरडी भी बिजली, पानी, सड़क जैसे विकास के न्यूनतम प्रतिमानो से वंचित है. गड़रिया जाति बाहुल्य इस गांव के 12 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य...
More »दशा ऐसी तो कैसे जले शिक्षा की अलख
इलाहाबाद। सर्व शिक्षा अभियान का नारा है सब पढ़ें, सब बढ़ें। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों में शिक्षा की अलख जगाना है। सरकार ने भी इसकी सफलता के लिए कई कदम उठाए। शिक्षाधिकारियों समेत डीएम और मंडलायुक्त को भी इस ओर इंगित किया गया, बावजूद यह व्यवस्था शहर में ही पटरी से उतर गई है। इसका जीता जागता उदाहरण मोहत्सिमगंज में देखने को मिला। यहा एक ही परिसर में पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय...
More »थाने में 5 दिनों से बंद हैं 7-8 साल के 2 बच्चे
शंका की सजा! -- जूनी इंदौर थाने में पिछले पांच दिनों से बंद हैं दो बच्चे इंदौर। करीबन पांच दिन पहले दोनों बच्चों को सिंधी कॉलोनी क्षेत्र से पकड़ा गया था। यहां किसी शादी के दौरान लोगों की नजर इन पर पड़ी। उन्होंने इनसे पूछताछ की और फिर इनकी पिटाई कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। इन बच्चों को जूनी इंदौर पुलिस ने पिछले पांच दिनों से पकड़ रखा है। इन्हें हवालात के बगल वाले...
More »यह स्कूल कैसा होता है, अंकल?
कानपुर। काकादेव कब्रिस्तान बस्ती के सामने की सड़क पर पान मसाला बेच रहे आठ वर्षीय बच्चे से पूछा गया, स्कूल जाते हो? उसने उलटा सवाल किया, स्कूल कैसा होता है अंकल? आजादी के 62 साल बाद किसी मासूम का यह सवाल पूरी व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर देता है। शहर में यह अकेला मासूम नहीं है जिसने कभी स्कूल नहीं देखा। रेलवे स्टेशन, बस स्टाप व चौराहों से लेकर...
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