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कोरोना: लॉकडाउन में मनरेगा योजना बन गई है मज़दूरों की लाइफ़लाइन

-बीबीसी,  छत्तीसगढ़ सरकार ने महात्मा गांधी रोज़गार गारंटी योजना में पूरे देश में सबसे अधिक मज़दूरों को काम देने का दावा किया है. भारत सरकार के शनिवार तक के आंकड़ों के अनुसार ई-मस्टर रोल में दर्ज संभावित कार्यशील मज़दूरों की संख्या छत्तीसगढ़ में 23,26,252 है. मज़दूरों की यह संख्या पूरे देश में सबसे अधिक है. इसके अलावा पिछले 9 दिनों में ही छत्तीसगढ़ ने 1 करोड़ 89 लाख मानव दिवस का रिकार्ड...

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कोरोना वायरस से जुड़ी भ्रांतियों के कारण, हजारों छोटे महिला मुर्गीपालक किसानों को व्यवसाय में हुआ घाटा

-विलेज स्कवायर, कुंती धुर्वे, मध्य प्रदेश में होशंगाबाद जिले के केसला प्रशासनिक ब्लॉक के जामुंडोल गांव की एक लघु स्तरीय मुर्गी-उत्पादक हैं। केसला के कुल 15,000 परिवारों में से, लगभग 9,000 आदिवासी परिवार हैं। लगभग 13% अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखते हैं। कुंती धुर्वे 2001 में गठित एक सहकारी समिति, केसला पोल्ट्री सोसाइटी की अध्यक्ष भी हैं। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद और बैतूल जिले के 47 गाँवों के आदिवासी और दलित समुदायों...

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शराब की बिक्री इतनी जरूरी क्यों है कि कोरोना वायरस का खतरा भी उससे बहुत छोटा लगता है?

-सत्याग्रह, भारत में बीते दो महीने से लगातार कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन बीते एक हफ्ते में ये बहुत तेजी से बढ़े हैं. पिछले मंगलवार को कोरोना वायरस के मामलों और मौतों की संख्या में एक दिन के दौरान सबसे बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में इसके 3900 नए संक्रमण दर्ज हुए और कुल 195 लोगों की मौत हो गई. देश...

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थके हुए 15 मज़दूर रेल की पटरी पर सो रहे थे, मालगाड़ी ने कुचल दिया

-लल्लनटॉप, महाराष्ट्र का जालना ज़िला. यहां 8 मई की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. ‘इंडिया टुडे’ के गोपाल गुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 15 प्रवासी मज़दूर जो रेल की पटरी पर सो रहे थे, उनके ऊपर से मालगाड़ी गुज़र गई. इनमें से बहुतों की मौत हो गई. कुछ बच्चे भी शामिल थे. घटना सुबह करीब 6:30 बजे की है. ये सभी जालना से औरंगाबाद के लिए निकले थे. वहीं...

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लॉकडाउन: ट्रांसजेंडर समुदाय के सामने रोजी-रोटी का संकट, 10 राज्यों में गाँव कनेक्शन ने की बात

-गांव कनेक्शन, ट्रेन और बसों में मांगकर, शादी-विवाह जैसे कार्यक्रमों में नाच गाकर अपना घर चलाने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय के सामने अब रोजी-रोटी का संकट आ गया है। लॉकडाउन से जब आज हर कोई घरों में कैद है। दिहाड़ी पर काम करके खाने वाले लोगों के पास राशन नहीं है। ट्रांसजेंडर भी उसी में शामिल हैं। महामारी से ट्रेन और बसें बंद हो गईं हैं, जो ट्रांसजेंडर ट्रेनों और बसों में...

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