रांची, जागरण ब्यूरो: सूखे की मार झेल रहे बीपीएल परिवारों के लिये ये खबर राहत देने वाली है। राज्य में मौजूद 23 लाख 96 हजार बीपीएल परिवारों से अलग 11 लाख 44 हजार नये लोगों को इस सूची में शामिल किया गया है। इन लोगों को अब प्रत्येक माह रियायती दर पर चावल उपलब्ध कराया जायेगा। राज्य स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर को मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा इसकी औपचारिक घोषणा...
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अनाज भंडारण की गहराती समस्या
भारतीय खाद्य निगम अब अनाज को सड़ने से बचाने के लिए विदेशी कम्पनी मोर्गन स्टेनली की मदद लेने जा रहा है। मोटे तौर पर यह कम्पनी भारतीय खाद्य निगम को यह सिखाएगी कि अनाजों की खरीद, ढ़ुलाई और बफर स्टॉक की मात्रा तय करने से लेकर उसके रख-रखाव और वितरण की व्यवस्था को कैसे चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। पिछले कुछ सालों से अनाज के उचित भंडारण के अभाव में खुले...
More »खाद्य सुरक्षा- अधूरी पहल
महीनों की बातचीत के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की सिफारिश कर दी है। यह बिल मुख्य अनाज के लिए आम लोगों के कानूनी अधिकार को पहले सोचे गए स्तर से भी नीचे ला देता है। और इस तरह परिषद ने भूख समाप्त करने के लिए सर्वजनीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से संगठित प्रयास शुरू करने का ऎतिहासिक अवसर खो दिया है। भारत में अनाज...
More »घर में अनाज नहीं था मर गया बीमार गुरुचरण
पूरा राज्य सूखाग्रस्त घोषित हो चुका है. लोगों को राहत देने की कवायद भी शुरू की जा चुकी है. सरकार दावा करती है, किसी को भूख से मरने नहीं दिया जायेगा. हर हाथ को काम, हर पेट को अनाज मिलेगा. पर यहां तो अनाज गोदामों में रखे-रखे ही सड़ जा रहे हैं. गरीब, बेबस लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे. लोग भूखों मरने पर विवश हैं. पिछले दिनों सिल्ली के...
More »खाद्यान्न की जरूरत सरकारी खरीद से ज्यादा
नई दिल्ली। प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के तहत देश के कम से कम 75 प्रतिशत आबादी को इसके दायरे में लेने के लिए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की सिफारिशों को लागू करने हेतु संप्रग सरकार को हर साल करीब 6.2 करोड़ टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी। खाद्यान्नों की आवश्यकता सरकार के द्वारा पिछले वर्ष की गई 5.4 करोड़ टन की खरीद से कहीं अधिक है। हाल में संप्रग अध्यक्ष...
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