जनसत्ता 4 सितंबर, 2013 : कुछ दिन पहले जब मैंने मुंबई में एक तेईस वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ बलात्कार की घटना के बारे में पढ़ा, तो कुछ पुरानी घटनाएं सामने घूमने लगीं। यानी फिर से वही सब! करीब उनतीस साल की उम्र में छह दिसंबर, 1992 को जब मैं एक रिपोर्टर की हैसियत से उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना की खबर जुटा रही थी तो मुझ...
More »SEARCH RESULT
खाद्य या यूपीए-सुरक्षा बिल!- प्रमोद जोशी
जिस विधेयक को लेकर राजनीति में ज्वालामुखी फूट रहे थे, वह खुशबू के झोंके सा निकल गया. पक्षियों-विपक्षियों में उसे गले लगाने की ऐसी होड़ लगी, जैसे अपना बच्चा हो. आलोचना भी की तो जुबान दबा कर. यों भी उसे पास होना था, पर जिस अंदाज में हुआ उससे कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा. जब संसद के मॉनसून सत्र के पहले सरकार अध्यादेश लायी तो वृंदा करात ने कहा था,...
More »बारिश ने बढ़ाये प्याज के दाम- शरद पवार
नई दिल्ली। प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल के बीच कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि वह यह बताने में समर्थ नहीं होंगे कि प्याज के दाम कब नीचे आयेंगे क्योंकि बारिश की वजह से प्रमुख उत्पादक राज्यों से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है। प्याज की कीमतें अब भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं, हालांकि, नाफेड को प्याज का आयात करने की अनुमति देने जैसे...
More »खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के संबंध में नरेन्द्र मोदी ने लिखी राज्य सरकार को चिट्ठी
जयपुर । गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि खाद्य सुरक्षा अध्यादेश आम आदमी की बेसिक जरूरतें पूरी नहीं करता। ऐसे में राज्य सरकार इसे किस रूप में लागू करने जा रही है। क्या सरकार इसे लागू करते समय केंद्र के सामने ऐसे सवाल खड़े करेगी? इस पत्र...
More »सबकी धरती, सबका हक- प्रियंका दुबे
लापोड़िया और रामगढ़ की कहानी देश में चौतरफा फैले जल संकट का समाधान तो सुझाती ही है, लेकिन उससे भी बढ़कर सामाजिक समानता की नींव पर बने एक प्रगतिशील समाज का सपना भी साकार करती है. रिपोर्ट और फोटो: प्रियंका दुबे ऐसे समय में जब पानी की किल्लत दिल्ली-मुंबई से लेकर जयपुर तक सैकड़ों भारतीय शहरों को सूखे नलों के मकड़जाल और अनंत प्रतीक्षा के रेगिस्तान में तब्दील कर रही है,...
More »