कृषि मंत्रालय के एक हालिया पुर्वानुमान में कहा गया है कि मौजूदा फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन कमोबेश पिछले साल जितना बना रहेगा.(देखें नीचे की लिंक) गौरतलब है कि बीते मार्च महीने में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से दस राज्यों में हुए फसलों के नुकसान और जारी सूखे बीच आशंका जतायी जाती रही है कि चालू फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में कमी आयेगी. 2014-15 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 252.02 मिलियन टन था...
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80 करोड़ की लागत से हाईटेक होंगे छत्तीसगढ़ के सारे जलाशय
विशेष संवाददाता। नईदिल्ली। छत्तीसगढ़ के सारे जलाशय अब हाईटेक होंगे। नेशनल हाईड्रोलाजी प्रोजेक्ट के तहत केंद्र ने प्रदेश के सारे जलाशयों को हाईटेक तकनीक से लैस करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पूरी राशि केंद्र ही देगा। इसके बाद जलाशयों से जुड़ी प्रत्येक गतिविधियों को अपने आप ही कम्प्यूटर पर दर्ज हो जाएगा। जरूरत होने पर सिस्टम अलर्ट भी जारी...
More »इंद्र भरोसे खेती, पर कब तक--- बिभाष
हरित क्रांति के मसीहा डॉ नॉर्मन बोरलॉग ने साठ के दशक में बौनी प्रजाति के अधिक उपज वाले गेहूं की ईजाद की. सभी देशों की तरह भारत में भी उस गेहूं की खेती शुरू की गयी. बौनी प्रजाति के गेहूं ने उस वक्त की राजनीति गढ़ने का भी काम किया, जिस पर बहस और शोध होना चाहिए. देखते-देखते गेहूं की उपज दूनी हो गयी. सन् 1959-60 में जो गेहूं...
More »किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं
लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
More »...तो मानसून से बेअसर रहेगी सोने की मांग और दाम
नई दिल्ली। आम तौर पर माना जाता है कि अच्छे मानसून की स्थिति में सोने की मांग बढ़ती है और कीमतों में तेजी आती है। लेकिन, पिछले 4 साल के आंकड़े इस मान्यता को गलत साबित कर रहे हैं। इस साल देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान लगाया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि सोने की मांग बढ़ेगी। लेकिन, इसका कोई ठोस आधार नहीं है।...
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