उदयपुर जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में 2२ दिन में 15 प्रसूताओं की मौत हो चुकी है। लेकिन, अब तक इन प्रसूताओं की मौत के कारणों का राज बरकरार है। हालांकि, सोमवार को यहां दौरे पर आए चिकित्सा मंत्री दुरु मियां ने विशेषज्ञ टीम से जांच करने की घोषणा जरूर की है। इस दौरान वे पत्रकारों के सवालों से बचते रहे। यहां एमबी अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कहा कि प्रसूताओं की...
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सीएम के जिले में एक और प्रसूता की मौत,अब तक 15 ने दम तोड़ा
प्रदेश के विभिन्न अंचलों से. जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में रविवार को प्रसव के बाद एक और प्रसूता की मौत हो गई। अब तक यहां 15 प्रसूताएं दम तोड़ चुकी हैं। हैरानी यह है कि इतनी मौतों के बाद भी अभी तक राज्य सरकार इस दिशा में कोई पुख्ता कदम नहीं उठा पाई है। यह स्थिति तब है, जब मुख्यमंत्री खुद जोधपुर इलाके से हैं और जांच के लिए दिल्ली से...
More »महानगरों में बेची जाती हैं यहां की बेटियां!- अनिमेष नचिकेता
सुपौल. बिहार का शोक कही जाने वाली नदी कोसी की बेटियां देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य महानगरों में बेच डाली जाती हैं। कोसी के ग्रामीण इलाकों की इन बेटियों को दलाल नौकरी और पैसे का लालच देकर झांसे में लेते हैं। घोर गरीबी से जूझ रहे इनके माता-पिता की आंखों में पैसे की लालच नयी चमक पैदा कर देती है। दिल्ली में हर एक बेटी की कीमत तय की जाती है। पांच...
More »गंदा है, पर धंधा है- विमलेश मिश्र
विमलेश मिश्र, जमशेदपुर : ये दूसरों की गंदगी साफ करते, मगर खुद नारकीय जीवन जी रहे हैं। गंदगी साफ करते-करते चर्म, टीबी व कुष्ठ जैसे असाध्य रोग इन्हें घेर लेते हैं। अनुसूचित जाति के हैं, मगर सुविधा कुछ को ही। पहले सफाई के लिए सरकार या कंपनी से नौकरी मिल जाती थी, अब ठेकेदार से मिलने वाली मजदूरी पर जीवन टिका है। संसद ने कानून बना सिर पर मैला ढोने...
More »शिक्षा की अलख जलाने वाले शिक्षक करते हैं बूट-पॉलिस
पाकुड़। हालात-ए-जिस्म सूरत-ए-खराब, वहां और भी खराब यहां और भी खराब ये पंक्ति सरकार को शर्मसार करने वाली सूबे की खराब हालात की एक ऐसी ही दास्तांन बयां करती है। ये दास्तांन है पाकुड़ के एक ऐसे शिक्षक की जो पिछले 25 वर्षो से शिक्षा की अलख जला रहे हैं, परन्तु इस एवज में यदि उन्हें कुछ मिला है तो बूट-पॉलिस का धंधा, गरीबी व जिल्लत भरी जिंदगी। जिले के अमड़ापाड़ा...
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