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दर्शकों तक पहुंचने की कठिन डगर - मृणाल पांडे

किसी भी लोकतांत्रिक देश की सरकार और आम आबादी के बीच सहज-सतत संवाद हर कल्याणकारी राज्यव्यवस्था की बुनियादी जरूरत होती है। जब सरकार ने (बीसवीं सदी के अंतिम दशक में) सूचना प्रसार मंत्रालय की मातहती में चलाई जाती रही रेडियो-टीवी की प्रसारण सेवाओं को प्रसार भारती नामक स्वायत्त इकाई को सौंपा था तो शायद उसके पीछे उसके मार्फत राज्य व नागरिकों के बीच एक भरोसेमंद-मजबूत पुल बनाने का ही लक्ष्य...

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साल के अंत तक बाल मृत्य दर पर काबू पा सकता है भारत- मदन जैड़ा

भारत में शिशु स्वास्थ्य रक्षा की दिशा में हुए कार्य की यूनिसेफ ने सराहना की है। यूनिसेफ को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक भारत बाल मृत्यु (पांच वर्ष तक की उम्र तक) दर में कमी के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। यूनिसेफ की प्रमुख (एडवोकेसी एंड कम्युनिकेशन) सुश्री केरोलिन डेन डुल्क ने हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में यह बात कही। यहां एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान डुल्क...

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तकनीकी शिक्षा की विसंगतियां- नीलांजन मुखोपाध्याय

विगत पांच अगस्त को लोकसभा में जवाब देते हुए मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि 2012 से 2015 के दौरान, कुल तीन वर्षों में सोलह आईआईटी के 2,060 छात्रों ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। इसी दौरान कुल तीस एनआईटी से 2,352 छात्र अधबीच में निकल गए। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, दूसरे कॉलेजों में दाखिला मिलने, व्यक्तिगत वजहों से, चिकित्सा कारणों से, पढ़ाई के दौरान नौकरी मिल...

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प्राइवेसी के प्रश्न पर अटका ‘आधार--’ विराग गुप्ता

सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को पारित आदेश से आधार को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य बनाने से इनकार कर दिया है। केंद्र द्वारा 1954 के पुराने निर्णय पर जोर देने से निजता के अधिकार की व्यापक समीक्षा के लिए मामले को नौ न्यायाधीशों की संविधान खंडपीठ को भेजने का निर्णय भी आया। इसके पूर्व 24 मार्च 2014 के एक अन्य आदेश से सर्वोच्च न्यायालय ने आधार...

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हादसों की रफ्तार बनाम सुरक्षा की पटरी- प्रमोद भार्गव

भारतीय रेल परिवहन तंत्र विश्व का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, पर विडंबना है कि यह किसी भी स्तर पर विश्वस्तरीय मानकों को पूरा नहीं करता। हां, इसे विश्वस्तरीय बनाने का दम जरूर सरकारें लंबे समय से भरती रही हैं। हर बजट में रेल परिवहन को विश्व मानकों के अनुरूप बनाने की बढ़-चढ़ कर घोषणाएं होती हैं, लेकिन उन पर जमीनी अमल दिखाई नहीं देता। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी...

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