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मराठवाड़ा की प्यास बुझा रही मुंबईवासियों की जनभागीदारी

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। प्यासे मराठवाड़ा की प्यास बुझाने के लिए जहां ट्रेन एवं हजारों टैंकरों की मदद ली जा रही है, वहीं मुंबईवासियों द्वारा भेजी जा रही एक-एक लीटर की बोतलें भी बहुत काम आ रही हैं। कुछ दिनों पहले बीड जिले के मानखुरवाड़ी गांव में 10,000 लीटर पानी की बोतलों से लदा बड़ा ट्रक पहुंचा तो गांववालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिछले कई दिनों से शुद्ध पेयजल न...

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बेकार की डिग्री देने वाले स्कूलों के जाल में ना फंसें छात्र : राजन

नोएडा : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने छात्रों को शिक्षा ऋण को लेकर आगाह करते हुए आज कहा कि उन्हें ‘ठगने वाले स्कूलों' के झांसे में नहीं आना चाहिये. ये स्कूल उन्हें कर्ज के बोझ में डुबा देंगे और ‘डिग्री' भी ऐसी देंगे जो किसी काम की नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के शोध विश्वविद्यालयों में निकट भविष्य में शिक्षा महंगी होगी. उन्होंने कहा कि सभी...

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जीवन-मरण का वैश्विक प्रश्न--- निरंकार सिंह

जब ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा शुरू हुई थी, तब इस प्रकार के आकलन की वैज्ञानिकता पर काफी सवाल उठाए गए थे। लेकिन धीरे-धीरे वे सवाल खामोश होते गए। अब पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ने तथा इसके फलस्वरूप जलवायु संकट तीव्रतर होने की हकीकत पर मतभेद की गुंजाइश नहीं रह गई है। दुनिया भर के वैज्ञानिक अब यह अनुभव करने लगे हैं कि हम आधुनिक विकास के जिस रास्ते पर चल...

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किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं

लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...

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ताकि बैंकों की साख कायम रहे- एन के सिंह

हेनरी पॉलसन के मुताबिक, 'अगर कोई आर्थिक-तंत्र बिखरता है, तो फिर उसे पटरी पर लाना वाकई बहुत-बहुत मुश्किल हो जाता है।' भारत का वित्तीय क्षेत्र अभी गंभीर संकट में उलझा हुआ है। और यह संकट मुख्यत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों, यानी एनपीए के कारण पैदा हुआ है। 31 दिसंबर, 2015 तक 24 सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए 3,93,035 करोड़ रुपये था।   अगर इसमें जोखिम वाले...

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