रायपुर.स्वास्थ्य विभाग प्रायमरी हेल्थ सेंटरों का संचालन एनजीओ से कराने पर विचार कर रहा है। इसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। सोमवार को सामाजिक संस्था करुणा फाउंडेशन का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य संचालक पी. अन्बलगन से चर्चा करेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि यदि सबकुछ योजना के मुताबिक तय हुआ तो प्रायमरी हेल्थ सेंटरों की निगरानी और संचालन सामाजिक संस्था के हाथों में चला जाएगा। यह योजना किस स्वरूप...
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कुपोषण और शिशु मृत्यु दर के मामले में मप्र अव्वल
भोपाल. शिशु मृत्यु दर और कुपोषण के मामले में मप्र देश में अव्वल है। मातृ मृत्यु दर को लेकर भी प्रदेश केवल तीन राज्यों से ही बेहतर है। हालात इतने बिगड़ने के बाद अब जाकर राज्य सरकार चेती है और प्रदेश में कुपोषण दूर करने 24 दिसंबर से अटल बाल आरोग्य मिशन की शुरुआत की जा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के ताजा आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा...
More »क्या सोचा क्या पाया
जिन सपनों को लेकर एक दशक पहले उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था उनमें से कितने सपने आंखों से उतरकर जमीन पर चल पाए हैं? नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य दस साल का हो गया. दस साल की उम्र किसी राज्य का भविष्य तय करने के लिए काफी नहीं होती, पर ‘पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं’ वाली कहावत के हिसाब से देखा जाए तो उस भविष्य का अंदाजा लगाने के...
More »' हमारी 108 ने दुनिया के सारे रिकार्ड तोड़े हैं '
नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी और भुवन चंद्र खंडूड़ी के बाद डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री हैं. पिछले 10 सालों में ‘राज्य की दशा और दिशा’ पर उन्होंने मनोज रावत से बात की अलग राज्य बनने के बाद दस वर्षों का क्या अनुभव है? मैं सोचता हूं कि इन वर्षों को राज्य के सुखद और आशाओं से भरे समय के रूप में देखा जा सकता...
More »एक लाख भ्रूणों की कोख में ही हत्या!
प्रदेश में जन्म से पहले ही गर्भपात की घटनाओं पर विराम लगता नहीं दिख रहा है। अकेले वर्ष 2009 में ही करीब एक लाख 10 हजार भ्रूण को प्रदेश की सरजमीं पर कदम रखने से पहले ही मार गिरा दिया गया। इतने अधिक गर्भपात की वजह 'पुत्र की चाह' मानी जा रही है। यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंची रिपोर्ट में होता है। स्वास्थ्य विभाग को मिली रिपोर्ट के अनुसार...
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