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गेहूं के बदले बच्चों को गिरवी रखने की खबर गलत

सागर (मप्र) : बुंदेलखंड में पन्ना जिले के राजापुर गांव के आदिवासी द्वारा गेहूं के बदले बच्चे को गिरवी रखे जाने संबंधी खबरों को प्रशासन ने गलत बताते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में सरकार की रोजगारमूलक योजनाएं और खाद्यान्न वितरण योजना अच्छी चल रही है, इसलिए ऐसी घटना संभव नहीं है. सागर के संभागायुक्त राजकुमार माथुर ने मीडिया को पन्ना जिले के प्रभारी कलेक्टर द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट...

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गांवों से ज्यादा शहरों में गरीबों को खाद्य सुरक्षा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करने के लिए खाद्य मंत्रालय को योजना आयोग से मिले आंकड़ों में हरियाणा, दिल्ली, पुडूचेरी, दमन-दीव और चंडीगढ़ में गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा गरीब लोग रहते हैं। ऐसे में इन राज्यों में अत्यंत सस्ती दरों पर होने वाले आवंटन में लाभार्थियों का प्रतिशत गांव के मुकाबले शहर में ज्यादा होगा। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के माध्यम से देश की 81.39...

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भुखमरी के जनतंत्र में खाद्य-सुरक्षा- अश्विनी कुमार

खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर महीनों की दुविधा के बाद यूपीए सरकार ने आखिर अध्यादेश का रास्ता चुना. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इसे लाइफ सेवर (जीवन रक्षक) व लाइफ चेंजर (जीवन बदलनेवाला) करार दिया, जबकि विपक्षी पार्टियों और नीतिगत विश्लेषकों ने इसे लागू करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की. यह ऐतिहासिक फैसला देश के करीब 67 फीसदी लोगों को सस्ते अनाज पाने का कानूनी हक मुहैया करायेगा. इस...

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केंद्र के एक फैसले से राजस्थान के करीब 5 करोड़ लोगों को फायदा

जयपुर। राजस्थान में 1.44 करोड़ परिवारों की मुखिया अब महिलाएं होंगी। यह संभव होने जा रहा है नए फूड सिक्योरिटी अध्यादेश से। इस अध्यादेश को देश में सबसे पहले लागू करने वाला राज्य राजस्थान होगा। राज्य में अब तक आम तौर पर परिवार के कमाऊ पुरुष का नाम मुखिया के तौर पर इस्तेमाल होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फूड सिक्योरिटी अध्यादेश में...

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यह गरीबी और गैरबराबरी- कृष्ण प्रताप सिंह

संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर लीस ग्रैंड का कहना है कि भारत गरीबी उन्मूलन के संयुक्त राष्ट्र के सहस्नब्दी विकास लक्ष्य की दिशा में ‘उचित गति' से अग्रसर है और 2015 तक इसे प्राप्त कर लेगा. उनके कथन का आधार संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा तैयार करायी गयी वह रिपोर्ट है, जिसके अनुसार देश में व्यापक स्तर पर फैली गरीबी 1994 के 49 प्रतिशत से घट कर 2005 में 42 प्रतिशत...

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