जनसत्ता 25 फरवरी, 2014 : भारत में राज्यों के पुनर्गठन का प्रश्न नया नहीं है। यह लगातार यक्ष प्रश्न बना रहा है कि आखिर इतने विविधतापूर्ण देश में राज्यों के पुनर्गठन का एक सर्व-स्वीकार्य और जायज तार्किक आधार क्या हो? साथ ही पृथक तेलंगाना का यह विवाद भी नया नहीं है और जितना हो-हल्ला इस मसले पर हमने पिछले दिनों में देखा उसकी एक लंबी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। 1956 में संसद...
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लोकसभा में उठी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
नयी दिल्ली/पटना : शैक्षणिक , औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से बिहार के पिछड़ेपन की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए आज लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की पुरजोर मांग की. शून्यकाल के दौरान जनता दल यू के शरद यादव ने कहा कि वर्ष 2012 के बजट भाषण में पिछड़े राज्यों के लिए विशेष व्यवस्था किये जाने की बात कही...
More »गुजरात मॉडल की असलियत- कृष्ण स्वरुप आनंदी
जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...
More »घरेलू नौकरों के जीवन और जीविका की दशा पर परिचर्चा
इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज, सीएसडीएस, द्वारा आयोजित परिचर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं विषय- Work like any other? Accounting for domestic work in India वक्ता: भारती बिरला, राष्ट्रीय परियोजना समायोजनक, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन(ILO) नीता पिल्लई, प्रोफेसर, सेंटर फॉर विमेन्स डेवलपमेंट स्टडीज अमरजीत कौर, राष्ट्रीय सचिव, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस मैक्सिमा एक्का,डोमेस्टिक वर्कर्स फोरम ब्रदर वर्गीज थेकनाथ- समायोजक, डोमेस्टिक वर्कर्स फोरम ऑव इंडिया तारीख: 19 फरवरी ∣ स्थान: प्रेस क्लब ऑव इंडिया ∣ समय:...
More »हिसार में बनेगा गेहूं अनुसंधान निदेशालय का रिजनल फार्म
करनाल के गेहूं अनुसंधान निदेशालय को हिसार के केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान ने दो सौ एकड़ जमीन फार्म के लिए दी है। अब गेहूं निदेशालय गेहूं के अलावा कपास और ज्वार की फसल पर शोध कर दूसरी किस्मों को भी विकसित करेगा। हिसार में मिली जमीन पर उगे जंगल को निदेशालय ने साफ कराकर उसे खेती योग्य बनाने का काम शुरू कर दिया है। दो सौ एकड़ में से 50 एकड़...
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