SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1658

जीडीपी घटकर 6.6 फीसदी पर पहुंची, पिछले 15 महीनों में सबसे कम दर

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) घटकर 6.6 फीसदी हो गई है. यह दर पिछली पांच तिमाही यानी 15 महीनों में सबसे कम है. गुरुवार को जारी सरकारी आकंड़ों से यह जानकारी मिली. कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन और उपभोक्ता मांग घटने से जीडीपी की रफ्तार कम हुई है. हालांकि, तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ने के बावजूद भारत अब...

More »

वाराणसी: सीवर में उतरे दो सफाई कर्मचारियों की मौत

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के कैंट थाना इलाके में सीवर पाइप लाइनों की सफाई के लिए टैंक के अंदर घुसे दो सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई. घटना पाण्डेयपुर इलाके में कालीमंदिर के पास की है. अमर उजाला के अनुसार, वाराणसी के शिवपुर के मिनी स्टेडियम निवासी चंदन, बिहार के मोतिहारी निवासी राजेश और उमेश सीवर लाइन की सफाई के लिए 40 फीट गहरे मेनहोल में घुसे थे. शुक्रवार तड़के...

More »

14 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची कृषि आय

नई दिल्ली: केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक कृषि क्षेत्र में उत्पादन अक्टूबर-दिसंबर 2018 में 2.7 फीसदी की दर से बढ़ा है. इस दौरान अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में ये वृद्धि दर पिछले 11 महीनों में सबसे नीचे रही. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के द्वारा जारी ये आंकड़े आधार वर्ष 2011-2012 पर आधारित हैं. इस दौरान ये अपने न्यूनतम स्तर 2.04 फीसदी तक भी आ पहुंचा...

More »

उत्तर प्रदेशः यौन शोषण पीड़िताओं की गरिमा यात्रा में शामिल होने पर महिला के साथ मारपीट

उत्तर प्रदेश के एक गांव में यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं द्वारा निकाली गई गरिमा यात्रा में हिस्सा लेने वाली एक महिला ने आरोप लगाया है कि उन पर इस यात्रा में हिस्सा लेने के कारण भीड़ द्वारा हमला किया गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बलात्कार और यौन शोषण के खिलाफ पीड़िताओं और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा निकाली गई गरिमा यात्रा में हिस्सा लेने वाली 38 वर्षीय महिला का...

More »

देश में आदिवासियों की बस्तियां उजाड़ने की मानसिकता पर कब लगाम लगेगी?

एक तरफ विकास के नाम पर मैदानी इलाकों के जंगल खेत में बदलते गए, सड़क, बांध, और रेल लाइन बिछती गई. इसके लिए आदिवासी इलाकों से बेतहाशा संसाधन भी छीने जाते रहे. पिछली दो सदी से चली आ रही विकास की इस सोच ने पानी, हवा सबको मानव जीवन के लिए नुकसानदायक हद तक दूषित कर दिया. दूसरी तरफ, इसकी भरपाई के लिए पर्यावरण के नाम में आदिवासियों की बस्तियां, घर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close