बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में दुष्कर्म मामले में सीबीआइ जांच का उचित फैसला किया है, जिसे सराहा जाना चाहिए. इससे उनकी मंशा स्पष्ट होती है कि वह इस मामले में कुछ दबाना-छुपाना नहीं चाहते, जबकि बिहार पुलिस के बयानों से ऐसा लग रहा था कि वह सीबीआइ जांच के पक्ष में नहीं थी. कुछ दिन पहले ही बिहार के पुलिस...
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बिहार : एक सहायिका के जिम्मे दो केंद्र, कैसे दूर होगा कुपोषण
परेशानी : प्रदेश में तीन हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं हैं सहायिकाएं, काम हो रहा है प्रभावित पटना : कुपोषण से जंग में केंद्र से राज्य सरकार तक ने पूरी ताकत झोंक दी है. बिहार और उत्तर प्रदेश में कुपोषण के साथ ही बौनेपन ने भी पैर पसारे हैं तो सरकारें और सक्रिय हुई हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषण को खत्म करने का प्रयास हो रहा है. वहां...
More »छह राज्यों की साठ फीसद किशोरियों ने कहा- हां, बाहर जाने में लगता है डर..!
क्या आप मानते हैं कि ‘भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक' देश है जैसा कि एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने हाल में जनमत सर्वेक्षण के आधार पर कहा था ? या आपको लगता है कि ऐसा कहना किसी ‘देश को बदनाम' करने की कोशिश है, जैसा कि भारत सरकार ने कहा ? अपना जवाब तय करने से पहले खूब गौर से सोचिए क्योंकि एक नई रिपोर्ट आयी है, इस बार देश के भीतर से ही आयी है और...
More »ये किस देश के लोग हैं!-- कुमार प्रशांत
अल्लामा इकबाल ने एक नज्म लिखी थी- ‘मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है!' मैं जितनी बार इस नज्म को पढ़ता हूं, उतनी बार भीतर से कोई पूछता है कि इकबाल ने तो अपने वतन की पहचान कर ली थी, तुम अपने वतन की पहचान क्या अौर कैसे करते हो? मैं जवाब नहीं दे पाता. मैं किस तरह अपने वतन को समझूं (या समझाऊं) कि जहां अकारण स्वामी अग्निवेश...
More »क्या न्यायपालिका ही अंतिम आसरा है-- शशिशेखर
गुजरे हफ्ते जब सुप्रीम कोर्ट हुक्मरानों को लताड़ रहा था- आप भीड़ को इंसाफ करने का हक नहीं दे सकते, भीड़ की हिंसा रोकने के लिए कानून बनाइए और ऐसे मामलों से सख्ती से निपटिए, तो माननीय न्यायमूर्तिगण को मालूम न था कि सैकड़ों किलोमीटर दूर एक गुमनाम से शहर पाकुड़ में दूसरी पटकथा रची जा रही है। कुछ घंटे बाद हमने टीवी के परदे पर 78 साल के...
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